- स्कूलों में शिक्षकों व बच्चों को नहीं मिला जन्माष्टमी का अवकाश
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जन्माष्टमी पर कृष्ण सुदामा की मित्रता पर सांस्कृतिक कार्यक्रम करने के आदेश
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पहले अवकाश और बाद में छुट्टी रद्द करने से हैरान परेशान हुए बच्चे और शिक्षक
Janmashtami Schools holiday cancelled in MP: जन्माष्टमी के मौके पर मध्यप्रदेश शासन के अजीबो-गरीब फरमान से स्कूल, बच्चे और शिक्षक सब परेशान हुए। दरअसल, मध्यप्रदेश में जन्माष्टमी पर स्कूलों का अवकाश रहता है। लेकिन ऐन मौके पर शासन ने जन्माष्टमी पर स्कूलों की छुट्टी रद्द कर दी। ऐसे में अभिभावकों, उनके बच्चों और शिक्षकों को समझ में नहीं आया कि ऐन मौके पर क्या किया जाए। दरअसल, वीकेंड होने की वजह से कई अभिभावक और शिक्षकों की बच्चों के साथ बाहर जाने की पहले से की गई प्लानिंग पर पानी फिर गया।
प्लानिंग पर फिरा पानी : दूसरी तरफ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए कि स्कूलों में भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता पर आधारित स्कूलों में सांस्कृतिक आयोजन किए जाएं। दरअसल, रविवार के साथ सोमवार को जन्माष्टमी की छुट्टी होने से कई लोगों ने जन्माष्टमी मथुरा और वृंदावन में मनाने का प्लान किया था, लेकिन अचानक आए इस आदेश के बाद उनकी उम्मीदों पर तुषारापात हो गया। बता दें कि इससे पहले 26 अगस्त को जन्माष्टमी पर राज्य सरकार ने सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था। सीएम मोहन यादव (cm mohan yadav) ने जन्माष्टमी पर बैंकों तक की छुट्टी घोषित की थी।
बता दें कि लोकशिक्षण संचालनालय के अपर संचालक रवींद्र कुमार सिंह ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया है। पत्र में इस बार स्कूलों में जन्माष्टमी पर्व समारोहपूर्वक मनाए जाने के लिए निर्देश दिए गए थे। इससे पहले 26 अगस्त 2024 को आने वाली जन्माष्टमी पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करते हुए इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से आदेश भी जारी किया गया था। इस आदेश के अनुसार प्रदेशभर में सभी सरकारी संस्थानों की छुट्टी घोषित की गई थी।
पोर्टल पर अपलोड करने के भी निर्देश : अब नए निर्देश के अनुसार जन्माष्टमी पर स्कूलों में जन्माष्टमी पर्व मनाया जाना तय हुआ है। स्कूलों में जन्माष्टमी मनाए जाने के लिए प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इतना ही नहीं, स्कूलों में जन्माष्टमी मनाने के साथ ही आयोजन के फोटो भी संबंधित स्कूलों को पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। इस नए फरमान से कई शिक्षक, बच्चे और अभिभावकों को भारी परेशानी का सामना करना पडा।
हालांकि निजी स्कूलों में तो शुक्रवार के दिन ही जन्माष्टमी का आयोजन कर लिया गया था, लेकिन नए आदेश के बाद वे भी असमंजस में रहे। ऐसे में कई स्कूलों में दो-दो बार जन्माष्टमी मनाना पड़ी। अचानक आए इस सरकारी आदेश का खामियाजा बच्चों, उनके परिजनों और शिक्षकों को भुगतना पड़ा।
बच्चे घर में त्योहार नहीं मना पाए : शासकीय स्कूल के एक शिक्षक ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि श्रीकृष्ण के जीवन के बारे में बच्चों को स्कूलों में जानकारी दी जाए, इसमें किसी को भी आपत्ति नहीं हो सकती। लेकिन, एक दिन पहले रविवार को बच्चों और उनकी माताओं को दशहरा मैदान बुलाया गया था। शिक्षकों को भी इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अगले ही दिन जन्माष्टमी को फिर शिक्षकों और विद्यार्थियों को स्कूल बुलाया गया। इसके चलते बच्चे जो अपनी गली-मोहल्ले में मटकी फोड़ जैसे आयोजनों में शामिल होते थे, वे उस आनंद से वंचित हो गए। शिक्षक भी घर पर त्योहार नहीं मना पाए। गुरु पूर्णिमा के दिन भी ऐसा ही हुआ था।
असमंजस में सब : शिक्षक ने कहा कि कृष्ण तो महानायक हैं, उन्हें किसी एक दिन विशेष में समेटने के बजाय पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थी उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें। शिक्षा विभाग द्वारा जो वार्षिक कैलेंडर जारी किया जाता है, उसमें भी जन्माष्टमी से जुड़े कार्यक्रम को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के अंतर्गत आने वाले स्कूल भी इस आदेश को लेकर असमंजस में रहे। वे राज्य सरकार का आदेश मानें या फिर केन्द्र सरकार का। बता दें कि केन्द्र सरकार के कैलेंडर में जन्माष्टमी का अवकाश घोषित किया गया है।