जयपुर। राजस्थान में गुर्जरों का आरक्षण के लिए आंदोलन मंगलवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। इस आंदोलन के चलते गुर्जर बहुल जिलों में कई रेल व सड़क मार्ग बंद हैं। अनेक ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं या उनके मार्ग में बदलाव किया गया है। हालांकि रविवार के बाद किसी तरह की अप्रिय घटना का समाचार नहीं है।
गुर्जर नेता विजय बैंसला के अनुसार सरकार की ओर से बातचीत या संवाद का कोई नया संदेश नहीं आया है और गुर्जर समाज का आंदोलन जारी है। उन्होंने कहा, धरने पर बैठे हैं और धरना जारी रहेगा। सरकार की ओर से शनिवार के बाद कोई संदेश नहीं है।
पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एमएल लाठर ने बताया कि आंदोलनकारियों ने चाकसू में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 को भी मंगलवार को जाम कर दिया। आंदोलनकारी दौसा जिले में सिकंदरा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर चुके हैं। इसके साथ ही नैनवा (बूंदी), बुंडला (करौली) व मलारना में भी सड़क मार्ग अवरुद्ध है। टोंक जिले में कोटा जयपुर राजमार्ग को बनास पुलिया पर, लालसोट गंगापुर करौली राजमार्ग पर भी जाम किया गया है।
रेलवे ने आंदोलन के कारण कई और रेलगाड़ियों को रद्द किया है। उत्तर-पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार को तीन ट्रेनें रद्द की गईं जिनमें हजरत निजामुद्दीन-अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन-उदयपुर व उदयुपर- हजरत निजामुद्दीन ट्रेनें शामिल हैं। इसी तरह दो और ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गुर्जर नेता राज्य में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार शाम को सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर में रेल पटरी पर बैठ गए। गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला व उनके समर्थक यहीं जमे हैं।
गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका रेबारी, गडिया, लुहार, बंजारा और गड़रिया समाज के लोगों को 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है। फिलहाल अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जरों को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत आरक्षण अलग से मिल रहा है।