जयपुर। राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में आरक्षण की मांग को लेकर रेल पटरी पर बैठे गुर्जरों ने आरक्षण मिलने तक पटरियों से हटने से इंकार कर दिया है। उल्लेखनीय है कि आंदोलन के चलते इस रूट की ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
गुर्जर नेता किरोड़ीसिंह बैंसला ने कहा कि हम सिर्फ 5 प्रतिशत आरक्षण मिलने के बाद ही हटेंगे। उन्होंने राजस्थान सरकार से आग्रह किया कि वह ऐसा कोई कार्य नहीं करे जिससे लोगों की भावनाएं भड़के। उन्होंने कहा कि लोग सिर्फ मेरे निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। अत: इस पूरे मामले को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाया जाना चाहिए। बैंसला ने कहा कि बातचीत क्या करनी है? सरकार 5 प्रतिशत आरक्षण की हमारी मांग पूरी करे और हम घर चले जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मांग नहीं माने जाने पर गुर्जर लंबे आंदोलन के लिए तैयार हैं।
राजमार्ग ठप : आंदोलनकारियों ने सोमवार को आगरा-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 21 को अवरुद्ध कर यातायात ठप कर दिया। आंदोलनकारियों ने आगरा-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 21 पर सिकंदरा में जाम लगा दिया। इससे इस मार्ग पर भरतपुर, आगरा, अलीगढ़, धौलपुर, हिंडौन और करौली के लिए जाने वाली रोडवेज की बसों के साथ सभी तरह के वाहनों के पहिए थम गए। आंदोलनकारियों ने दौसा जिले में सिकंदरा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 को अवरुद्ध कर दिया है। इसके साथ ही नैनवा (बूंदी), बुंडला (करौली) व मलारना में भी सड़क मार्ग अवरुद्ध है।
रोडवेज सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगे जाम के बाद अब रोडवेज बसों को मानपुर चौराहे से निकाला किया जा रहा है। इस मार्ग पर रोडवेज ने बसों का संचालन बंद कर दिया है। जयपुर से रवाना होने वाली बसें दौसा तक ही जा रही हैं। दूसरी ओर सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर में गुर्जर समाज के सैकड़ों लोग लगातार चौथे दिन भी पटरियों पर डटे हुए हैं।
उधर टोंक में आंदोलनकारियों के एक मंदिर के पास एकत्रित होने की सूचना है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने के पुन: अनुरोध किया है। गुर्जर नेता मुंबई-पुणे रेल मार्ग पर पटरियों पर बैठे हैं जिसके चलते कई प्रमुख ट्रेन रद्द कर दी गई हैं या उनके मार्ग में बदलाव किया गया है। राज्य में कई सड़क मार्ग भी बंद हैं।
आंदोलन से नहीं हो रहा है ट्रेनों का संचालन : आरक्षण आंदोलन के कारण कोटा-दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर मलारना और नीमोदा रेलखंड में आरक्षण आंदोलन के कारण ट्रैक बाधित होने से कोटा से दिल्ली और मुंबई जाना चुनौती बन गया है। रविवार को नई दिल्ली-इंदौर एक्सप्रेस, कोटा-पटना एक्सप्रेस और कोटा-मंदसौर एक्सप्रेस का संचालन नहीं हुआ। बान्द्रा-गोरखपुर एक्सप्रेस, जनता एक्सप्रेस, बान्द्रा-माता वैष्णोदेवी कटरा एक्सप्रेस, पश्चिम एक्सप्रेस, देहरादून एक्सप्रेस भी रद्द रही। कोटा मंडल के ही करीब 80 हजार यात्रियों को रोजाना परेशानी हो रही है। मुंबई के लिए 24 घंटे में जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन के अलावा सवाईमाधोपुर से एक स्पेशल ट्रेन ही वाया कोटा होकर चल रही है। दिल्ली से मुंबई की ओर जाने वाली किसी भी ट्रेन का कोटा होकर संचालन नहीं हो रहा है।
रद्द हुईं ये ट्रेनें : 11 फरवरी को प्रारंभिक स्टेशन से चलने वाली इंदौर-नई दिल्ली इंटरसिटी, कोचुवेली-चंड़ीगढ़ एक्सप्रेस, मडगांव-निजामुद्दीन एक्सप्रेस रद्द रहेगी। 12 और 13 फरवरी को मडगांव-चंडीगढ़ एक्सप्रेस और इंदौर-नई दिल्ली इंटरसिटी रद्द रहेगी। जनता एक्सप्रेस, मुंबई सेन्ट्रल-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस, इंदौर-जम्मूतवी एक्सप्रेस और अहमदाबाद-पटना एक्सप्रेस भी निरस्त रहेगी। मुंबई सेंट्रल-फिरोजपुर जनता एक्सप्रेस, बान्द्रा से आने वाली पश्चिम एक्सप्रेस, बान्द्रा से आने वाली देहरादून एक्सप्रेस, बान्द्रा से आने वाली अवध एक्सप्रेस और हरिद्वार-वलसाड़ एक्सप्रेस का संचालन नहीं होगा।
13 फरवरी को ये ट्रेनें रहेंगी रद्द : मुंबई सेन्ट्रल-फिरोजपुर जनता एक्सप्रेस, बान्द्रा-निजामुद्दीन एक्सप्रेस, मुंबई से आने वाली स्वर्ण मंदिर मेल, मुंबई से आने वाली राजधानी एक्सप्रेस, बान्द्रा से आने वाली देहरादून एक्सप्रेस, हापा-श्रीमाता वैष्णोदेवी कटरा एक्सप्रेस, अहमदाबाद-निजामुद्दीन एक्सप्रेस और बान्द्रा टर्मिनस-हरिद्वार एक्सप्रेस का संचालन नहीं होगा।
अप्रिय घटना का समाचार नहीं : पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एमएल लाठर ने बताया कि आंदोलन के दौरान कहीं से अप्रिय घटना का कोई समाचार नहीं है। रविवार को कुछ हुड़दंगियों ने धौलपुर में पुलिस के तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया था और हवा में गोलियां चलाई थीं।
शुक्रवार से पटरी पर बैठे नेता : गुर्जर नेता राज्य में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार शाम को सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर में रेल पटरी पर बैठ गए। गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला व उनके समर्थक यहीं जमे हैं। आंदोलनकारियों और सरकारी प्रतिमंडल में शनिवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही। इसके बाद रविवार को दोनों पक्षों में कोई बातचीत नहीं हुई।
मुख्यमंत्री बोले- बातचीत के लिए गुर्जरों को आगे आना चाहिए : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि सरकार के स्तर पर वार्ता के द्वार खुले हैं और आंदोलनकारियों को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका रेबारी, गडिया, लुहार, बंजारा और गड़रिया समाज के लोगों को 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है। वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जरों को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत आरक्षण अलग से मिल रहा है।