तिरुवेदांती। भारत ने अरबों डॉलर की 110 लड़ाकू विमानों की खरीद प्रक्रिया शुरू करने के कुछ दिनों बाद ही रक्षा क्षेत्र की बडी कंपनियों को बुधवार को आश्वस्त किया कि इस प्रकिया का अंजाम पूर्व में विफल हो चुकी 126 विमानों की खरीद प्रक्रिया जैसा नहीं होगा।
रक्षा सचिव संजय मित्रा ने कहा कि भारतीय वायुसेना के लिए 110 लड़ाकू विमान के बेडे को खरीदने की नई प्रक्रिया में सरकार की निष्ठा पर किसी को शक नहीं होना चाहिए। यह विश्वभर में हाल के वर्षों में हुई सबसे बडी खरीद हो सकती है।
उन्होंने डिफेंस एक्सपो के इतर संवाददाताओं से कहा कि इस प्रकार का कोई शक नहीं होना चाहिए। यह दोहराया नहीं जाएगा। रक्षा सचिव से कुछ खास वर्ग ने इस बात पर शक जताया था कि क्या सरकार इस खरीद प्रक्रिया को पूरा कर पाएगी अथवा नहीं।
भारत ने पिछले सप्ताह एक आरएफआई (सूचना का अनुरोध) अथवा सौदे के लिए प्रारंभिक टेडर जारी कर 110 लड़ाकू विमान की खरीद प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। करीब 5 साल पहले सरकार ने वायुसेना के लिए 126 मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) की खरीद प्रक्रिया रद्द कर दी थी। उसके बाद यह पहली सबसे बडी खरीद प्रक्रिया होगी।
सैन्य विमान बनाने वाली बडी कंपनियां लॉकहीड मार्टिन, बोइंग (अमेरिका), साब (स्वीडेन) जैसी बडी कंपनियां इस सौदे में इच्छुक हो सकती हैं। एक अधिकारी ने बताया कि यह सौदा 15 अरब डॉलर की हो सकता है। मित्रा ने कहा कि यह खरीद सरकार की सामरिक साझेदारी मॉडल के अनुरूप होगी। (भाषा)