नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित राज्य केरल में गुरुवार को बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियानों को शुरू किया है जिनमें तीनों सेना और कई अन्य एजेंसियां शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश के बाद कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक की गई।
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि थलसेना, नौसेना, वायुसेना के अलावा तटरक्षक बल और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल से मैनपॉवर, नौकाएं और हेलीकॉप्टरों की सहायता से राहत और बचाव अभियान चलाने के लिए कहा गया है। केरल में बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित 14 जिलों के लोगों के बीच वितरित करने के लिए खाद्य सामग्रियों के पैकेटों और पेयजल को केरल भेजा जा रहा है जबकि इन अभियानों में स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमों को भी भेजा गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री के आदेश के बाद इस दक्षिणी राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने और वहां चलाए जा रहे राहत और बचाव अभियानों की समीक्षा करने के लिए कैबिनेट सचिव ने एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में गृह सचिव राजीव गौबा, रक्षा मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और एनडीआरएफ के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में फैसला किया गया कि बढ़ते जल स्तर और तेज प्रवाह को देखते हुए केरल के मुल्लापेरियार बांध की निगरानी केंद्रीय जल आयोग करेगा। प्रधानमंत्री ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से गुरुवार को सुबह बात की और बाढ़ की स्थिति पर उनके साथ चर्चा की। मोदी ने बुधवार को भी विजयन से बात की थी।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी गुरुवार सुबह केरल के मुख्यमंत्री से फोन पर मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। सिंह ने बुधवार को भी 2 बार विजयन से बात की थी। रविवार को केरल के अपने दौरे पर गृहमंत्री ने तत्काल राहत पैकेज के रूप में 100 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी। (भाषा)