15 अगस्त से केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'मोदी केयर' योजना 11 अगस्त से देश के चुनिंदा 11 राज्यों में लागू हो जाएगी। बताया जा रहा है कि खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लालकिले की प्राचीर से इस योजना के लागू होने का ऐलान करेंगे। माना जा रहा है कि आगामी चुनावों को देखते हुए यह मोदी सरकार का एक बड़ा चुनावी हथियार भी हो सकता है।
अमेरिका के 'ओबामा केयर' की तर्ज पर 'मोदी केयर' यानी भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत 10 करोड़ ग़रीब परिवारों को 5 लाख रुपए सालाना स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। जिन राज्यों में यह योजना लागू होगी उनमें छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दमन-दीयू राज्य शामिल हैं। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संसद में बजट भाषण के दौरान दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का ऐलान किया था। जानते हैं मोदी केयर योजना की खास बातें-
- इस योजना के तहत अब देश के 50 करोड़ लोगों को इलाज के लिए 5 लाख रुपए तक कैशलेस सुविधा प्रदान की जाएगी।
- इस योजना के खर्च को केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों मिलकर उठाएंगे। केंद्र सरकार 60 प्रतिशत तो राज्य सरकार 40 प्रतिशत का खर्च वहन करेगी।
- देश के 11 राज्यों के चुनिंदा ज़िलों के करीब 100 सरकारी अस्पतालों के साथ यह मिशन शुरू होगा। योजना के अतंर्गत 1.5 लाख स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे।
- इस योजना में शामिल होने के लिए दिल्ली, पंजाब, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र ने केंद्र सरकार ने कोई करार नहीं किया है।
- सरकार इस योजना के तहत 'स्वास्थ्य मित्र' की भर्ती करेगी जो स्कीम के तहत लोगों का बीमा करवाने के साथ लोगों को इलाज की सुविधा भी दिलाएंगे। वेतन के साथ इन्हें इन्सेंटिव भी मिलेगा।
- योजना के तहत लाभार्थी परिवारों को आर्थिक आधार पर चुना जाएगा।
- इस योजना के तहत देश के 10.7 करोड़ परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। हर परिवार को 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा। इसमें सदस्यों की संख्या पर कोई लिमिट नहीं। इसमें उम्र की कोई बाध्यता नहीं रहेगी।
- इस योजना में निजी क्षेत्र की कंपनियां भी शामिल हो सकेंगी।
योजना के लिए चयन का आधार - घर की प्रमुख महिलाएं हों। परिवार के पास एक कमरे का कच्चा घर हो। परिवार में 16-59 साल का पुरुष नहीं हो। शहरों में रिक्शा चालक, मोची जैसे 11 कारोबार के लोग इस योजना में शामिल हो सकते हैं।