नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा खेती-किसानी को लाभकारी बनाने के उद्देश्य से लाए गए तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को लेकर पूरे देश में राजनीति गरमा गई है। विधेयक का विरोध संसद के बाद अब सड़कों पर जोर पकड़ने लगा है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत विभिन्न किसान संगठनों ने 25 सितंबर को देशभर में चक्काजाम करने का ऐलान किया है। खबरों के अनुसार किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद को विपक्ष में शामिल विभिन्न राजनीतिक दलों का साथ मिल रहा है।
कृषि से जुड़े तीन अहम विधेयकों, कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक-2020 को भी संसद के दोनों सदनों में मंजूरी मिल चुकी है।
विधेयक पर किसानों की सहमति नहीं ली : भाकियू के मुताबिक कृषि विधेयकों के विरोध में पूरे देश में 25 सितंबर को चक्काजाम रहेगा। इसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत तकरीबन पूरे देश के किसान संगठन अपनी विचारधाराओं से ऊपर उठकर एकजुट होंगे। किसान संगठनों ने केंद्र सरकार से इन विधेयकों को किसान विरोधी और कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने वाले विधेयक करार देते हुए। इन्हें वापस लेने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने के लिए कानूनी प्रावधान करने की मांग की है। किसान संगठनों का कहना है कि सरकार ने विधेयकों पर किसानों की सहमति नहीं ली।
पंजाब में रेल रोको आंदोलन शुरू : पंजाब में किसानों ने कृषि विधेयकों के खिलाफ आज से तीन दिवसीय ‘रेल रोको’ आंदोलन शुरू किया। इसके मद्देनजर किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए रेलवे ने कई ट्रेनों का परिचालन रोक दिया है।
रेल अधिकारियों के अनुसार 14 जोड़ी विशेष ट्रेनें 24 सितंबर से 26 सितंबर तक निलंबित रहेंगी। रेलवे के मुताबिक यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे संपत्ति को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। कई मालगाड़ी और पार्सल ट्रेनों का भी समय बदला गया है। मौजूदा समय में कोविड-19 महामारी की वजह से नियमित यात्री ट्रेनें पहले से ही निलंबित हैं।
करोड़ों किसान सशक्त होंगे : कृषि विधेयकों के लोकसभा और राज्यसभा में पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐतिहासिक बताया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि संसद में अहम विधेयकों के पारित होने पर मैं अपने परिश्रमी अन्नदाताओं को बधाई देता हूं। यह न केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि कुछ लोग विधेयक को लेकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि भ्रम फैलाने वाले किसानों से झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि एमएसपी को लेकर विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है। एमएसपी की पुरानी व्यवस्था लागू रहेगी साथ ही सरकारी खरीद भी जारी रहेगी।
किसान हितैषी विधेयक : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीनों विधेयकों को किसान हितैषी बताया था। तोमर ने कहा कि इससे किसानों को मौजूदा व्यवस्था के साथ एक और विकल्प मिलेगा। (एजेंसियां)