Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

FTA में श्रम प्रावधानों को लेकर विशेषज्ञों ने भारत को दी यह सलाह

हमें फॉलो करें FTA में श्रम प्रावधानों को लेकर विशेषज्ञों ने भारत को दी यह सलाह
नई दिल्ली , गुरुवार, 23 नवंबर 2023 (20:16 IST)
Experts gave this advice to India regarding FTA : अंतररराष्ट्रीय व्यापार से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) में श्रम प्रावधानों पर बातचीत करते समय सतर्क रुख अपनाने की जरूरत है, क्योंकि इससे घरेलू विनिर्माण और समग्र व्यापार प्रतिस्पर्धी क्षमता पर असर पड़ सकता है।
 
विशेषज्ञों का यह भी दावा है कि भारत के लंबे समय से जारी रुख में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। उसने ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और अमेरिका के नेतृत्व वाले ‘इंडो पैसिफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी’ (आईपीईएफ) के साथ अपनी व्यापार समझौता वार्ता में श्रम मुद्दों पर बातचीत शुरू कर दी है।
 
उनका कहना है कि मुक्त व्यापार समझौतों में इन मुद्दों को शामिल करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। श्रमिक अधिकारों पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के हाल के एक ज्ञापन में व्यापार समझौतों में श्रम मानकों पर ध्यान केंद्रित करने का संकेत मिलता है।
 
शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के अजय श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे प्रावधान विनिर्माण लागत को बढ़ाकर विकासशील देशों के प्रतिस्पर्धी लाभ को कम कर सकते हैं। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका-मैक्सिको-कनाडा मुक्त व्यापार समझौते में मैक्सिको के वाहन क्षेत्र में न्यूनतम वेतन को अनिवार्य किया गया है। इसे उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
 
व्यापार विशेषज्ञ और पूर्व सरकारी अधिकारी संगीता गोडबोले ने भी व्यापार समझौतों में श्रम उपबंधों को शामिल करने को लेकर आपत्ति जताई। वह भारत-यूरोपीय संघ व्यापार समझौते की बातचीत में शामिल थीं। गोडबोले ने कहा, यहां तक ​​कि यूरोपीय संघ-दक्षिण कोरिया एफटीए में गैर-बाध्यकारी श्रम प्रावधानों के कारण विवाद पैदा हुआ। इससे दक्षिण कोरिया के वाहन उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
 
अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ अभिजीत दास ने कहा कि व्यापार समझौतों में श्रम प्रावधान प्राय: घरेलू कानूनों को लागू करने पर जोर देते हैं। अनुपालन नहीं करने पर कार्रवाई हो सकती है। विशेषज्ञों ने कहा, भारत को अपने विनिर्माण क्षेत्र और व्यापार में प्रतिस्पर्धी क्षमता पर संभावित असर को ध्यान में रखते हुए व्यापार समझौतों में श्रम प्रावधानों पर बातचीत में सावधानी से कदम उठाने की जरूरत है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Rajasthan Election : शाह, योगी, शिंदे ने BJP उम्‍मीदवारों के समर्थन में किया 4 KM लंबा रोड शो