कहते हैं कि पुराना प्यार व्यक्ति को रह-रहकर याद आता है। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच काफी तकरार हुई है। यहां तक कि रास्ते भी अलग-अलग हो गए हैं, लेकिन इस सबके बावजूद 30 साल पुराना यह 'प्यार' अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
यह इससे भी स्पष्ट होता है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए छटपटा रहे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि भाजपा और शिवसेना के बीच जो भी कुछ हुआ है, उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा का विकल्प भाजपा ने ही खत्म किया है। हमने कुछ भी खत्म नहीं किया है। उद्धव के इस बयान को लेकर कहा जा रहा है कि अभी सबकुछ खत्म नहीं हुआ है। दूरियां फिर नजदीकियां बन सकती हैं।
इसके संकेत इस बात से भी मिल रहे हैं कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची शिवसेना शीर्ष अदालत में मामले का विशेष उल्लेख करने से पीछे हट गई।
सूत्रों के हवाले से यह खबर भी आ रही है कि शिवसेना मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार है। दूसरी ओर सरकार गठन के लिए कांग्रेस और एनसीपी ने कमेटी बना दी है। हालांकि उद्धव प्लान-बी पर भी लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस नेताओं के साथ होटल ट्राइटेंड में बैठक की है। इस बैठक में उद्धव के साथ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, माणक राव ठाकरे एवं अन्य नेता मौजूद थे।