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मुश्किलों में मददगार बन सकता है आपात नंबर ‘112’, पढ़िए पूरी जानकारी

हमें फॉलो करें मुश्किलों में मददगार बन सकता है आपात नंबर ‘112’, पढ़िए पूरी जानकारी
, बुधवार, 4 दिसंबर 2019 (10:20 IST)
हैदराबाद में पशु चिकित्सक के साथ हुई हैवानियत के बाद देश के नागरिकों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ी बहस शुरू हो गई है, खासकर महिलाओं को लेकर। हेल्पलाइन नंबर 112 हर आपातकालीन परिस्थिति में मददगार साबित हो सकता है। 19 फरवरी 2019 से सिंगल हेल्पलाइन सर्विस (112) देशभर में लांच किया गया।
भारत में एकल आपात नंबर ‘112’ की शुरुआत की गई, जो एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नंबर है जिसका लक्ष्य आपात परिस्थिति में तत्काल मदद उपलब्ध कराना है। इस आपातकालीन नंबर से पुलिस, फायर ब्रिगेड जैसी किसी भी आपातकालीन आवश्यकता के लिए 112 नंबर डॉयल किया जा सकता है। 
 
‘112’ हेल्पलाइन पुलिस (100), दमकल (101) और महिला हेल्पलाइन (1090) नंबरों का समांतर नंबर है। 2012 के कुख्यात दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले के बाद केंद्र सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा की योजनाओं के लिए निर्भया फंड बनाया था। इस फंड के अंतर्गत आपातकालीन नंबर 112 नंबर बनाया गया।
 
अप्रैल 2019 में गृह मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के लिए अनुसार इस नंबर से 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जुड़े थे। इनमें हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, केरल, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, जम्मू और कश्मीर और नगालैंड शामिल हैं। 
 
कैसे करेगा काम : सभी मोबाइल फोनों में एक पैनिक बटन पहले से ही बनाया गया है जिसे किसी आपात स्थिति में ‘112’ पर कॉल करने के लिए क्रियाशील किया जा सकेगा। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने जो आपात प्रतिक्रिया केंद्र (ईआरसी) गठित किए हैं, वे ‘112’ से वॉइस कॉल के जरिए पैनिक सिग्नल, राज्य के ईआरएसएस वेबसाइट पर संदेश या ‘112’ मोबाइल ऐप संदेश प्राप्त कर सकते हैं।
 
112 नंबर ही क्यों? : 1972 में योरपियन कॉन्फ्रेंस ऑफ पोस्ट एंड टेलीकम्युनिकेशन एडमिनिस्ट्रेशंस ने 122 नंबर को इमरजेंसी नंबर के रूप में चुना था। उस समय फोन में नंबर को घुमाकर डॉयल किया जाता था। 112 होने से डॉयल करने में कम समय और कम रोटेशन की आवश्यकता होती थी। अब मोबाइल फोन आ गए, लेकिन फोन में भी 100, 101, 102, 108, 1090 की बजाय 112 डॉयल करना आसान है। अगर आपके पास जीएसएम फोन है तो फोन लॉक होने के बाद भी 112 नंबर डॉयल किया जा सकता है।
 
इन परिस्थितियों में कर सकते हैं कॉल: आपको यह भी समझना होगा किन परिस्थितियों में आप 112 पर कॉल कर सकते हैं। अगर महिलाओं के साथ कोई छेड़खानी कर रहा हो या फिर किसी प्रकार का खतरा लग रहा हो पुलिस की मदद के लिए 112 नंबर डायल किया जा सकता है। घर, दुकान या आसपास आग लग गई हो तो तुरंत फायर ब्रिगेड बुलाने के लिए 112 नंबर पर कॉल किया जा सकता है।
 
घर या बाहर जान के खतरा है तो इमरजेंसी नंबर पर कॉल किया जा सकता है। किसी भी प्रकार के अपराध की शिकायत के लिए पुलिस की मदद के लिए इस पर कॉल किया जा सकता है। रास्ते में एक्सीडेंट हो गया है तो तुरंत इमरजेंसी सर्विस के लिए नंबर पर कॉल किया जा सकता है। (Photo credit : Twitter)

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