दीप्ति बथिनी (बीबीसी तेलुगु संवाददाता)
हैदराबाद डॉक्टर मर्डर केस के चार अभियुक्तों में तीन एक ही गांव के हैं। ये गांव राजधानी हैदराबाद से क़रीब 160 किलोमीटर दूर है। चौथे अभियुक्त इसके पड़ोस में मौजूद एक गांव से हैं। हालांकि इन परिवारों की पहचान अभी हम ज़ाहिर नहीं कर सकते क्योंकि अभियुक्तों का मामला अदालत में है और उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है।
पिछले कुछ दिनों में इस घटना के सुर्खियों के आने के बाद और उसके बाद अभियुक्तों को उनके गांवों से पुलिस के हिरासत में लेने के बाद से ही मीडिया से जुड़े लोग यहां आ रहे हैं। जब मैं इस गांव में पहुंची जहां से तीन अभियुक्तों को हिरासत में लिया गया है, तो गांववालों ने ही मुझे उनमें से एक के घर का रास्ता बताया।
लेकिन गांव वालों ने कहा कि उन्हें अब भी इस बात का यक़ीन नहीं हो रहा है कि उनके गांव का कोई शख़्स ऐसा जघन्य अपराध कर सकता है। गांव के ही एक शख़्स ने कहा कि हम लोग खेतिहर मज़दूर हैं। आजीविका चलाने के लिए हमें रोज़ तरह-तरह की मज़दूरी करनी होती है।
खुली हुई नालियों वाली गली से होते हुए हम एक अभियुक्त के घर पहुंचे। फूस की छत से बनी दो कमरों वाली इस झोपड़ी के एक कमरे में अभियुक्त की मां आराम कर रही हैं। वो खुद को बैठने पाने में असहाय बताते हुए अपने पति की ओर इशारा करती हैं। अभियुक्त के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं, वो बताते हैं कि उन्हें नहीं मालूम है कि क्या हुआ।
उन्होंने हाथ जोड़ते हुए कहा कि मेरे दो बेटे और एक बेटी हैं। कल को अगर मेरी बेटी के साथ ऐसा हो तो मैं चुपचाप नहीं बैठूंगा। इसलिए मैं चाहता हूं कि अगर मेरे बेटे ने ऐसा किया है जैसा बताया जा रहा है, तो उसे फांसी की सज़ा हो। उन्होंने हमें बताया कि आख़िरी बार उनके बेटे से उनकी बात 28 नवंबर की रात को हुई थी, जब वह काम से घर लौटा था।
वो बताते हैं कि मेरा बेटा मुझे सब कुछ नहीं बताता। वो सो रहा था, पुलिस आधी रात को आकर मेरे बेटे को ले गई। तब भी मुझे मालूम नहीं था कि ऐसा कुछ हुआ है। जब पुलिस ने मुझे पुलिस स्टेशन बुलाया तो मुझे मामले के बारे में सब कुछ पता चला। मेरी तो ऐसी हैसियत भी नहीं है कि मैं बेटे के लिए कोई वकील कर सकूं। मैं ऐसा करना भी नहीं चाहता। अगर मेरे बेटे ने ऐसा कुछ किया है तो मैं उसे बचाने में अपना पैसा और ऊर्जा नहीं लगाना चाहता।
'मेरे बेटे को फंसाया गया'
इसी गली में कुछ आगे चलकर दूसरे अभियुक्त का घर है, जहां वह अपने परिवार के साथ रहता था। पक्के छत वाला ये मकान तीन कमरों का है। घर के सामने वाले खुले हिस्से में अभियुक्त की मां और उनकी पत्नी बैठी हुई हैं।
अभियुक्त की पत्नी ने बताया कि वह सात महीने की गर्भवती हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रेम विवाह था। मैं उन्हें डेढ़ साल से जानती थी। आठ महीने पहले हमारी शादी हुई थी। पहले उनके माता-पिता इस शादी के लिए तैयार नहीं थे लेकिन बाद में वो तैयार हो गए थे।
अभियुक्त की मां ने बीच में ही कहा उनके बेटे को किडनी की बीमारी है और बीते दो साल से उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने ने बताया कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मेरा बेटा ऐसा कर सकता है। मेरा मानना है कि किसी ने उसे जबरन शराब पिलाई और फिर इस मामले में फंसा दिया।
हालांकि अभियुक्त की पत्नी ने कहा कि जब उन्होंने ये ख़बर देखी तब उन्हें काफी दुख हुआ है। उन्होंने कहा कि पीड़िता भी मेरी तरह एक महिला थी। मुझे काफी दुख है। मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहती कि मेरे पति ने ऐसा किया या नहीं। लेकिन जो हुआ वह सही नहीं था। मुझे नहीं मालूम कि अब आगे क्या होगा? इसी गांव में तीसरे अभियुक्त का घर भी है लेकिन जब हम वहां पहुंचे तो घर में कोई नहीं था।
माता पिता ने कहा, उन्हें घटना की जानकारी नहीं
इन तीनों अभियुक्तों के गांव से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर चौथे अभियुक्त का गांव है। वहां पहुंचकर हमने उनके घर का रुख़ किया।
एक कमरे के इस घर के बाहर अभियुक्त के माता-पिता बैठे थे। दोनों ही कमज़ोर दिख रहे थे। ना तो उनके पिता कुछ बोलने के लिए तैयार हुए और ना ही मां। वो यही कहते रहे कि उन्हें बेटे के अपराध के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
अभियुक्त की मां ने कहा कि वह अमूमन घर पर नहीं रहता था। वह बाहर से आकर नहाता और फिर निकल जाता। हम उससे ज़्यादा कुछ नहीं पूछते थे क्योंकि घर में कमाने वाला इकलौता वही था। घर के बाहर एकत्र लोगों ने बताया कि माता-पिता को उनके बेटे के काम बारे में अधिक जानकारी नहीं है।
अभियुक्त के पिता ने कहा कि उनका बेटा 28 तारीख की शाम को घर आया था। वो बताते हैं कि उसने हम लोगों से कहा कि जो ट्रक वो चला रहा था वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उसने बताया कि उसके ट्रक ने एक स्कूटर चलाने वाली महिला को धक्का मार दिया और महिला की मौत हो गई। मैंने उसे डांटा भी कि उसे ज़िम्मेदारी से गाड़ी चलानी चाहिए। यह पहला मौका था जब उसने हम लोगों को अपने बारे में कुछ बताया था। उसी रात जब पुलिस उसे गिरफ्तार करने आई तब हमें पता चला कि उसने क्या किया है।
हालांकि पड़ोसियों का कहना है कि उनके लिए यह घटना किसी सदमे जैसी है। एक पड़ोसी ने कहा कि मुझे इस बात पर अचरज नहीं हुआ कि मेरे पड़ोसी ने ऐसा किया, क्योंकि उसे शराब की लत थी। मैं उसे बेहतर ढंग से रहने की सलाह देता था। मैं दस साल से उसे जानता भी था। लेकिन वह कभी घर पर नहीं रहता था। अभियुक्तों को फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, इसके बाद उन्हें जेल भेजा जाएगा।
पुलिस ने इस मामले में जांच करने के लिए अभियुक्तों को पुलिस हिरासत में लेने संबंधी याचिका दाख़िल की है। अभियुक्तों की सुरक्षा के मद्देनज़र पुलिस इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रही है। पुलिस ने जो रिपोर्ट फ़ाइल की है उसके अनुसार चारों अभियुक्तों को अग़वा करने, डकैती करने, सामूहिक बलात्कार करने और नृशंस हत्या करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है।
इस बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वो इस मामले की सुनवाई फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में करें और गुनहगारों को सख़्त से सख़्त सज़ा दिलवाएं।