नई दिल्ली। नीति आयोग ने प्रस्ताव दिया है कि ई-वीज़ा की वैधता बढ़ाकर 10 साल की जाए और देश में अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ई मेडिकल वीजा पर आने वाले पर्यटकों की वार्षिक संख्या में वृद्धि की जानी चाहिए।
ई कॉन्फ्रेंस वीज़ा को छोड़कर ई वीज़ा की अवधि भारत में प्रवेश करने की तिथि से 60 दिन होती है। ई कॉन्फ्रेंस वीज़ा की वैधता 30 दिनों की होती है। ई-पर्यटक वीज़ा और ई बिजनेस वीज़ा पर दोहरे प्रवेश की अनुमति है। ई-मेडिकल वीज़ा और ई मेडिकल अटेंडेंट वीज़ा पर तीन दफा प्रवेश की अनुमति है। केवल कॉन्फ्रेंस वीजा पर एक दफा प्रवेश की अनुमति है।
जनवरी से दिसंबर के बीच एक कैलेंडर वर्ष में ई-वीज़ा का लाभ तीन दफा लिया जा सकता है। नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट ‘द स्ट्रेटजी फॉर न्यू इंडिया@75’ में कहा है कि ई-वीज़ा की सुविधा आरंभ करने के बाद भी पर्यटक वीज़ा आवेदन करने की प्रकिया को बोझिल समझते हैं।
रिपोर्ट में बताया कि विदेशों में हमारे वाणिज्य दूतावास के जरिए सूचना अभियान शुरू करके वैश्विक स्तर पर ई-वीज़ा के बारे में जागरूकता लाई जाए। ई-वीज़ा व्यवस्था को लेकर बैठकों, प्रोत्साहन, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों से पर्यटकों को आकर्षित करना जरूरी है।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ई-वीज़ा की वैधता अवधि 10 साल बढ़ाई जानी चाहिए। इसमें यह भी सुझाव दिया गया कि ई मेडिकल वीज़ा के तहत वार्षिक यात्राओं की संख्या में वृद्धि की जाए। वर्तमान में ई मेडिकल वीज़ा धारकों को अपने एक साल की वीज़ा अवधि के दौरान तीन दफा प्रवेश की अनुमति है।
रिपोर्ट में कहा गया कि मरीज के लिए यह काफी नहीं है। इस साल ई-वीज़ा पर पहले दस महीनों में 18.78 लाख विदेशी भारत की यात्रा पर आए।