अयोध्या में राममंदिर बनाने के लिए बनने वाले राममंदिर ट्रस्ट को लेकर अब सियासत भी शुरु हो गई है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राममंदिर ट्रस्ट में राजनीतिक लोगों को दूर रखने की मांग की है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि राममंदिर ट्रस्ट से राजनीतिक दलों से जुड़े लोग और उससे जुड़े संगठनों के प्रतिनिधि को नहीं शामिल किया जाए।
दिग्विजय सिंह का राममंदिर ट्रस्ट को लेकर बयान ऐसे समय सामने आया है जब राममंदिर ट्रस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शामिल करने की मांग साधु- संत और भाजपा से जुड़े नेता और संगठन कर रहे है। राममंदिर ट्रस्ट में शामिल होने के लिए पहले ही विहिप ने पहले ही अपना दावा पेश कर दिया है। वहीं राममंदिर ट्रस्ट में दावेदारी को लेकर अयोध्या में साधु संतों के बीच विवाद अब सड़क पर आ गए है।
रामालय ट्रस्ट के पक्ष में दिग्विजय – दिग्विजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि मंदिर निर्माण के लिए किसी नए ट्रस्ट को बनाने के बजाए पहले से बने रामालय ट्रस्ट को मान्यता देने की बात कही है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की पहल पर रामालय ट्रस्ट को निर्माण हुआ था तो अब नए ट्रस्ट की जरुरत नहीं है।
रामालय ट्रस्ट में कई शंकराचार्य और अखाड़ों को शामिल किया गया था तो अब उस ट्रस्ट को ही मान्यता मिलनी चाहिए। नरसिंहपुर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने झोतेश्वर आश्रम पहुंचकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का आशीर्वाद लिया।
दिग्विजय सिंह ने रामालय ट्रस्ट को मान्यता देने की मांग ऐसे समय की है जब रामालय ट्रस्ट ने राममंदिर निर्माण के लिए अपने दावेदारी करते हुए पीएमओ को ज्ञापन भी सौंप दिया है।