भुवनेश्वर। केंद्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने ओडिशा में एक केंद्रीय योजना के तहत किसानों को बीमा राशि के भुगतान में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कथित कदाचार की जांच की मांग की है। प्रधान ने हाल ही में राज्य के बारगढ़ जिले में जाकर वहां किसानों से मुलाकात की थी। इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजद नेता ने कहा कि केंद्र की योजना के क्रियान्वयन में राज्य की कोई भूमिका नहीं है।
इसके बाद उन्होंने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को एक पत्र लिखकर उनसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के क्रियान्वयन में हुए कथित घोटाले की जांच कराने और केंद्रीय योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा सूचीबद्ध बीमा कंपनियों की ओर से किए भुगतान की समीक्षा कराने का आग्रह किया है।
प्रधान ने पत्र में तोमर से कहा कि इस घोटाले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए और पीड़ित किसानों को तुरंत न्याय दिलाने की जरूरत को देखते हुए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप अपने व्यक्तिगत स्तर पर इस पर गौर करें और पीएमएफबीवाई के कामकाज और सीसीई (क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट) के दौरान ओडिशा सरकार के अधिकारियों द्वारा कथित कदाचार की उचित जांच का आदेश दें।
प्रधान ने ओडिशा में, खासकर बारगढ़ जिले में PMFBY में सूचीबद्ध निजी बीमा कंपनियों के आचरण की भी जांच की मांग की। शिक्षा मंत्री ने पत्र में कहा कि किसानों से एक आवेदन मिलने के बाद उन्होंने यह मुद्दा उठाया है। किसानों ने दावा किया है कि उन्हें 2021 में खरीफ की पैदावार के मौसम के दौरान सूखे के कारण फसल नुकसान के लिए बेहद कम बीमा राशि मिली।
बीजद के प्रवक्ता एवं सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में मिलीभगत की बात करके उन्होंने (प्रधान ने) दरअसल अपनी ही (केंद्र) सरकार पर अनियमितताओं का आरोप लगाया है। केंद्र को अब स्वीकार करना चाहिए कि वह कल्याण कार्यक्रम चलाने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि बीजद किसानों से जुड़े मुद्दे पर राजनीति करने में विश्वास नहीं रखती।
Edited by : Nrapendra Gupta (एजेंसियां)