नई दिल्ली। दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 259 दर्ज किया गया, जो दिवाली से एक दिन पहले 7 साल में सबसे कम है। यह जानकारी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े से मिली।
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 को 'संतोषजनक', 101 से 200 को 'मध्यम', 200 से 300 को 'खराब', 301 से 400 को 'बहुत खराब' और 401 से 500 को 'गंभीर माना जाता है। पिछले साल तीन नवंबर को (दिवाली से एक दिन पहले) एक्यूआई 314 था। दिवाली के दिन यह 382 और अगले दिन 462 हो गया था।
दिल्ली में 2020 में, दिवाली से एक दिन पहले (13 नवंबर को) एक्यूआई 296 दर्ज किया गया था, जबकि दिवाली के दिन यह बढ़कर 414 और एक दिन बाद 435 हो गया था। सीपीसीबी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2017 और 2016 में दिवाली से एक दिन पहले एक्यूआई 302 और 404 दर्ज किया गया था।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सोमवार सुबह बहुत खराब होने का पूर्वानुमान जताया गया है, जबकि पटाखों से निकलने वाले धुएं और पराली जलाने से निकलने वाले धुएं के कारण यह मंगलवार को गंभीर श्रेणी तक खराब हो सकती है।
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली एक पूर्वानुमान एजेंसी सफर ने कहा कि पटाखे न जलाने पर भी हवा की गुणवत्ता बहुत खराब स्तर तक जा सकती है। दिल्ली में पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान हवा की मंद गति के कारण कम (5 प्रतिशत तक) रहा है।
सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा, हालांकि सोमवार दोपहर से हवा की दिशा और गति वायु प्रदूषण के लिए बहुत अनुकूल रहने की संभावना है। यह 25 अक्टूबर को दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 15-18 प्रतिशत कर देगा और हवा की गुणवत्ता को 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचा देगा।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour