Wrestlers Protest : दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को उनके धरनास्थल से हटाए जाने के एक दिन बाद कहा कि उन्हें जंतर-मंतर को छोड़कर किसी अन्य उपयुक्त स्थल पर प्रदर्शन की अनुमति दी जाएगी। पुलिस ने कहा कि उन्हें जंतर-मंतर के अलावा अन्य उपयुक्त, सूचित स्थानों में से किसी जगह अनुमति दी जाएगी।
पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) ने ट्वीट किया, 'कुश्ती पहलवानों का धरना और प्रदर्शन निर्बाध तरीके से जंतर-मंतर पर चल रहा था। कल (रविवार को), प्रदर्शकारियों ने तमाम आग्रह और अनुरोध के बावजूद कानून का उन्मादी तरीके से उल्लंघन किया। अतः चल रहे धरने को समाप्त करा दिया गया है।'
उन्होंने कहा कि यदि कुश्ती पहलवान भविष्य में दोबारा धरना प्रदर्शन की अनुमति की अर्जी लगाते हैं, तो उन्हें जंतर-मंतर के अलावा अन्य उपयुक्त, सूचित स्थानों में से किसी जगह अनुमति दी जाएगी।
इससे पहले सुरक्षा बलों ने पहलवानों को नए संसद भवन के उद्घाटन के बीच उसकी ओर मार्च करने से रोकने की कोशिश की, जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई।
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दंगा करने और सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा पैदा करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर को खाली करा दिया, जहां पहलवान एक महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे थे। पुलिस ने कहा कि पहलवानों को जंतर-मंतर पर फिर से प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पुलिस ने बताया कि जंतर-मंतर पर तीनों पहलवानों समेत 109 प्रदर्शनकारियों सहित पूरी दिल्ली में 700 लोगों को हिरासत में लिया गया। हिरासत में ली गई महिलाओं को रविवार शाम को रिहा कर दिया गया।
इस बीच पहलवान साक्षी मलिक ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि कल जो स्थिति बनी वह खराब थी, हम शांतिपूर्ण तरीके से मार्च कर रहे थे। जंतर-मंतर से 10 कदम की दूरी पर बैरिकेडिंग की गई थी। हमें जबरदस्ती बस में उठाकर डाला गया। हमें घसीटा गया, हमें चोट भी आई।
पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।