नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के बलबूते पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली नगर निगम चुनावों में हैट्रिक लगाने में सफल रही। आम आदमी पार्टी (आप) के मंसूबे पर 'झाड़ू' फिर गई जबकि कांग्रेस की दिल्ली में अपनी खोई जमीन हासिल करने के अरमान धरे के धरे रह गए।
भाजपा 270 वार्डों पर हुए चुनाव में 183 वार्डों पर प्रचंड जीत के साथ तीनों निगमों पर फिर से भगवा लहराने में सफल रही। आप को 47 वार्डों पर संतोष करना पड़ा जबकि कांग्रेस 29 वार्डों में सिमट गई। बहुजन समाज पार्टी को तीन, निर्दलीय को छह, समाजवादी पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल को एक-एक वार्ड पर जीत मिली। पूर्वी निगम के मौजपुर और उत्तरी निगम के सराय पीपलथला वार्ड पर एक-एक उम्मीदवार की मृत्यु के कारण चुनाव स्थगित करना पड़ा।
पिछले निगम चुनाव में भाजपा को 138, कांग्रेस को 77, बसपा को 15, एनसीपी को छह, आरएलडी को पांच तथा निर्दलीय और अन्य को 31 वार्डों में जीत मिली थी। दो वर्ष पहले हुए विधानसभा चुनाव में 70 में से सिर्फ तीन सीटें हासिल कर पाई भाजपा ने निगम चुनाव में शानदार सफलता हासिल की। उसने निगमों की दो तिहाई से अधिक सीटों पर कब्जा किया।
निगम चुनाव परिणामों के बाद जहां दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है वहीं आप ने अपनी हार का ठीकरा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर फोड़ा है। उसका कहना है कि दिल्ली में मोदी लहर नहीं ईवीएम लहर थी।
भाजपा ने पूर्वी और दक्षिणी निगमों में दो तिहाई से अधिक सीटें जीतीं। उत्तरी निगम में भी वह दो तिहाई के आंकड़े के निकट तक पहुंचने में सफल रही। उसने पूर्वी निगम में 63 में से 47 वार्डों, दक्षिणी निगम में 104 में से 71 वार्डो में तथा उत्तरी निगम में 103 में से 65 वार्डों पर कब्जा किया।
पहली बार निगम चुनाव में मैदान में उतरी अरविंद केजरीवाल की आप के 40 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस के 92, बसपा के 192 और शिव सेना के 55 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। जनता दल यू के सभी 94 उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में नाकाम रहे। मोदी लहर के बावजूद भाजपा के भी पांच उम्मीदवारों को जमानत खोनी पड़ी। चुनाव में कुल 2516 उम्मीदवार मैदान में थे जिनमें से 1790 की जमानत जब्त हुई।
पिछले चुनाव में 2423 उम्मीदवारों में से 1782 की जमानत जब्त हुई थी। राज्य चुनाव आयुक्त एस के श्रीवास्तव ने परिणामों के बाद संवाददाता सम्मेलन बताया कि पिछले 28 दिन की चुनाव प्रक्रिया में सब कुछ शांतिपूर्ण रहा। आयोग ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने के पुख्ता प्रबंध किए और कहीं से भी कोई अप्रिय घटना नहीं घटित हुई। उन्होंने दावा किया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) ने सही ढंग से काम किया और किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हुई।
श्रीवास्तव ने बताया कि भाजपा को कुल पड़े वोटों में से 36.18 प्रतिशत मत मिले। पिछले चुनाव में भाजपा को 36.74 प्रतिशत मत मिले थे। कांग्रेस के मतों में नौ प्रतिशत से अधिक की गिरावट रही। वर्ष 2012 में निगम चुनाव में कांग्रेस को 30. 50 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि इस बार यह घटकर 21.11 प्रतिशत रह गए। पहली बार निगम चुनाव में उतरी आप को 26. 23 प्रतिशत वोट मिले। कुल पड़े वोटों में से 0.69 प्रतिशत अर्थात 48724 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।
उत्तरी निगम में 19637 , दक्षिण में 19169 और पूर्वी में 10283 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया। बसपा को मिले वोटों का प्रतिशत 9.98 से घटकर 4.4 प्रतिशत रह गया। सपा को महज 0.4 प्रतिशत वोट मिले। पिछले चुनाव में सपा को 1.93 प्रतिशत वोट मिले थे।
सबसे कम मतों से जीत दक्षिणी निगम के छतरपुर वार्ड में भाजपा की अनीता तंवर को मिली। सुश्री तंवर महज दो वोटों से विजई हुईं। सबसे अधिक मतों से जीत हासिल करने का श्रेय भी दक्षिण निगम के द्वारका वार्ड से भाजपा की कमल जीत सेहरावत के नाम रही। वह 9866 मतों से विजई हुईं।
पूर्वी निगम में सबसे कम मतों से जीत भाजपा के गुरमीत कौर की झोली में आई वह भजनपुरा वार्ड से 58 मतों से जीतीं। पूर्वी निगम के कृष्णानगर वार्ड से भाजपा के संजीव कपूर के नाम रहा। वह 9322मतों से जीते। उत्तरी निगम में सबसे अधिक मतों से भाजपा के नीरज कुमार सरस्वती विहार से 7895 वोटों से जीते। इस निगम से बाजार सीताराम से कांग्रेस की सीमा ताहिरा को सबसे कम 259 वोटों से जीत हासिल हुई।
पूर्वी निगम में विपक्ष की नेता वरयाम कौर को करारी हार का सामना करना पड़ा। कांतिनगर वार्ड से भाजपा की कंचन महेश्वरी ने उन्हें 9115 वोटों से हराया। सुश्री महेश्वरी को 15491 और सुश्री कौर को 6376 वोट मिले।
कांग्रेस के हारने वाले अन्य दिग्गज नेताओं में एकीकृत निगम में विपक्ष के नेता रहे जयकिशन शर्मा और अजित सिंह भी शामिल है। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता अपने क्षेत्र के सभी चार वार्डों पर भाजपा के उम्मीदवारों को जिताने में सफल रहे लेकिन आप के मंत्रियों की हालत खस्ता रही।
आप सरकार में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र में पार्टी केवल विनोद नगर वार्ड पर ही जीत हासिल कर पाई जबकि तीन अन्य वार्ड मंडावली, पटपटगंज और मयूर विहार फेस-2 भाजपा के झोली में गए। आप के जल और पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा के करावल नगर विधानसभा क्षेत्र में भी पार्टी की स्थिति बहुत खराब रही। इस विधानसभा के तहत आने वाले पांच वार्डों में आप केवल श्रीराम कालोनी पर जीत हासिल कर पाई। अन्य चार वार्डों सोनिया विहार ,करावल नगर, शादीपुर और खजूरीखास पर भाजपा ने बाजी मारी।
ऊर्जा और परिवहन मंत्री सत्एन्द्र जैन के शकूर बस्ती विधानसभा क्षेत्र के अधीन आने वाले तीनों वार्डों पर भाजपा का परचम लहराया। भाजपा ने सरस्वती विहार, पश्चिम विहार और रानी बाग तीनों वार्डों पर जीत हासिल की। विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के शाहदरा में भी आप पार्टी को एक भी वार्ड पर जीत हासिल नहीं हुई। यहां के चार वार्डों में से तीन दिलशाद कालोनी, विवेक विहार और शाहदरा पर भाजपा ने बाजी मारी जबकि झिलमिल कांग्रेस की झोली में गई। विधान सभा उपाध्यक्ष राखी बिड़लान के मंगोलपुरी विधानसभा क्षेत्र के चार वार्डों में दो कांग्रेस, एक भाजपा और एक आप की झोली में गया।
खाद्य आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन बल्लीमरान विधानसभा क्षेत्र के तीन वार्डों में से दो कुरैशनगर और बल्लीमरान पर आप विजय हुई जबकि रामनगर कांग्रेस ने जीता। श्रम मंत्री गोपाल राय के विधानसभा क्षेत्र बाबरपुर के चार वार्डों में दो पर भाजपा और एक पर आप और एक पर कांग्रेस की जीत हुई। भाजपा ने इस चुनाव में अपने सभी मौजूदा पार्षदों और उनके रिश्तेदारों को टिकट न देकर सभी नए चेहरे उतारे थे।
भाजपा ने निगमों में मिली जीत को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सली हमले में मारे गए जवानों को समर्पित करते हुए जश्न नहीं मनाने का फैसला किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निगमों में मिली जीत पर दिल्ली की जनता और भाजपा के कार्यकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा भाजपा में विश्वास व्यक्त करने के लिए दिल्ली की जनता
के प्रति आभार।
उन्होंने कहा, मैं भाजपा और दिल्ली टीम के कड़े श्रम की सराहना करता हूं जिसने एमसीडी में शानदार विजय दिलाई। भाजपा के दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पार्टी की जीत पर खुशी व्यक्त करते हुए केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा और एमसीडी नतीजों को आप सरकार के खिलाफ जनमत संग्रह करार दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद पर बैठे व्यक्ति को ईंट से ईंट जोड़ने की बात करनी चाहिए थी, लेकिन वह ईंट से ईंट बजाने की बात कर रहा है।
केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव में भाजपा को मिली जीत पर बधाई देते हुए साथ मिलकर काम करने का भरोसा दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली के बेहतरी के लिए एमसीडी के साथ मिलकर काम करेगी। निगमों के चुनाव भाजपा, कांग्रेस और आप तीनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल था। वर्ष 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप से बुरी तरह पराजित हुई भाजपा निगमों में आप से हार का बदला लेना चाहती थी।
कांग्रेस विधानसभा चुनाव में पूरी तरह सूपड़ा साफ होने के दाग को मिटाना चाहती थी वहीं आप पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव और राजौरी गार्डन उप चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के सदमें से उबरने के लिए इसे जीतने के प्रयास में थी।