नई दिल्ली। नौकरियों की दुनिया में अलग तरह की प्रचुरता का माहौल है और इसका श्रेय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उभार को जाता है। लेकिन स्वचालन की इस प्रक्रिया से जिन नौकरियों पर सबसे ज्यादा संकट है वह सूचना तकनीक या सॉफ्टवेयर क्षेत्र और ग्राहक देखभाल सेवाओं से जुड़ी नौकरियां हैं।
रोजगारपरकता का आकलन करने वाली कंपनी एस्पायरिंग माइंड्स की एक रपट के अनुसार ग्राहक देखभाल, सूचना प्रौद्योगिकी एवं सॉफ्टवेअर और लेखा की नौकरियों में स्वचालन की प्रक्रिया को लागू करने की सबसे ज्यादा अपार संभावनाएं हैं।
रपट में कहा गया है कि ग्राहक सेवा की नौकरियों में स्वाचालन को अपनाने की सबसे अधिक क्षमता 64% है। तथ्यात्मक तौर पर देखा जाए तो इस क्षेत्र में प्रक्रियाओं की पुनरावृत्ति बहुत है जिसकी वजह से इसे एक महत्वपूर्ण स्तर तक स्वाचालित किया जा सकता है।
स्वाचालन की प्रक्रिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और रोबोटिक इत्यादि से संचालित होती है। इस वजह से इन क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के बीच एक डर है कि मशीन और रोबोट उनकी जगह ले लेंगे।
एस्पायरिंग माइंड्स के सह-संस्थापक वरुण अग्रवाल ने कहा कि हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बहुत संभावनाएं नजर आ रही हैं। आने वाले समय में हम देखेंगे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कारोबारों को और अधिक कारगर बनाएंगे। साथ ही उन्हें बेहतर कर्मचारियों को नौकरी पर रखने में सक्षम बनाएंगे।
रपट में कहा गया है कि स्वाचालन से भारत के रोजगार क्षेत्र में 100 कौशल वाली 10 लाख से ज्यादा नौकरियों का रास्ता खुलेगा। यह लोग 30 तरह के पदों पर काम करेंगे। (भाषा)