Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Manipur Violence : हिंसा प्रभावित मणिपुर में कर्फ्यू में ढील, सेना की ड्रोन से नजर

हमें फॉलो करें Manipur Violence : हिंसा प्रभावित मणिपुर में कर्फ्यू में ढील, सेना की ड्रोन से नजर
, रविवार, 7 मई 2023 (14:44 IST)
Manipur Violence : मणिपुर के हिंसा प्रभावित हिस्सों में रविवार सुबह कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दिए जाने के साथ ही आम जनजीवन पटरी पर लौटता दिखाई दिया, वहीं सेना के ड्रोन और हेलीकॉप्टर हवा में गश्त लगाकर क्षेत्र पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर इलाके में सुबह सात से 10 बजे के बीच कर्फ्यू में ढील दी गई और इस दौरान खाद्य पदार्थ, दवाइयां व अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए लोग बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकले।

अधिकारियों के मुताबिक, सुबह 10 बजे कर्फ्यू में ढील की मियाद खत्म होने के बाद सेना और असम राइफल्स के जवानों ने शहर में फ्लैग मार्च किया। हिंसा प्रभावित राज्य में सेना के 120 से 125 ‘कॉलम’ की तैनाती की गई है।सूत्रों ने बताया कि मणिपुर में अर्धसैनिक बलों और केंद्रीय पुलिस बलों के करीब 10000 जवानों को भी तैनात किया गया है।

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि शांति संबंधी पहल को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में शांति समितियों का गठन किया जाएगा। वहीं रक्षा विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि अब तक विभिन्न समुदायों के लगभग 23000 लोगों को बचाकर सैन्य छावनियों में स्थानांतरित किया गया है।

गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी।

नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की ओर से इस मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय की एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने का निर्देश देने के बाद किया गया था।

पुलिस के मुताबिक, तोरबंग में मार्च के दौरान हथियार थामे लोगों की भीड़ ने कथित तौर पर मेइती समुदाय के सदस्यों पर हमला किया। मेइती समुदाय के लोगों ने भी जवाबी हमले किए, जिससे पूरे राज्य में हिंसा फैल गई।

मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय की 53 फीसदी हिस्सेदारी होने का अनुमान है। इस समुदाय के लोग मुख्यत: इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है तथा वे मुख्यत: इंफाल घाटी के आसपास स्थित पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

बयान में कहा गया है, सभी समुदाय के लोगों को बचाने, हिंसा पर काबू पाने और सामान्य हालात बहाल करने के लिए पिछले 96 घंटे से बिना रुके काम कर रहे सेना और असम राफल्स के 120-125 कॉलम की कोशिशों की वजह से उम्मीद की किरण जगी है और हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। चुराचांदपुर में लगाए गए कर्फ्यू में आज सुबह सात से 10 बजे की ढील दी गई।

बयान में कहा गया है कि बीते 24 घंटे के दौरान सेना ने हवाई निगरानी को काफी बढ़ाया है, जिसके लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है, जबकि इंफाल घाटी में सेना के हेलीकॉप्टरों को फिर से तैनात किया गया है। चुराचांदपुर में कर्फ्यू में शनिवार को भी दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक दो घंटे की ढील दी गई थी। इसी इलाके में तीन मई को सबसे पहले हिंसा हुई थी।

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार रात अधिसूचना की प्रति साझा करते हुए ट्वीट किया, चुराचांदपुर जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार होने और राज्य सरकार और विभिन्न हितधारकों के बीच बातचीत के बाद, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कर्फ्यू में आंशिक रूप से ढील दी जाएगी।

हिंसा प्रभावित राज्य की मौजूदा स्थिति पर एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद सिंह ने कहा था, बैठक के दौरान, राज्य में शांति की अपील करने और सभी नागरिकों को किसी भी ऐसे कृत्य से बचने के लिए प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया गया, जिससे हिंसा या अस्थिरता और बढ़ सकती है।

इस बैठक में कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), जनता दल यूनाइटेड (जदयू), शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), आम आदमी पार्टी (आप) और अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। पूर्व मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह भी बैठक में मौजूद थे। फोटो सौजन्‍य : टि्वटर
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पुलिस की सर्तकता से कश्मीर में बड़ा हादसा टला, पुलवामा में 5-6 किलो IED बरामद