नई दिल्ली। देश में धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के मकसद से निकाली जाने वाली कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा लगभग 3500 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और इसमें समाजिक सौहार्द का संदेश देने के साथ-साथ संविधान, धर्मनिरपेक्षता और सरकारी संपत्तियों को बचाने का भी आह्वान किया जाएगा।
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि यह यात्रा दो अक्टूबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से आरंभ होगी और 12 राज्यों से होते हुए इसका समापन जम्मू-कश्मीर में होगा तथा इसके पूरा होने में पांच से साढ़े पांच महीने का समय लगेगा।
सूत्रों का यह भी कहना है कि इस यात्रा को निकालने की तैयारी के साथ ही उदयपुर नवसंकल्प में किए गए निर्णयों को अमलीजामा पहनाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं तथा पार्टी की मीडिया एवं संचार से जुड़ी रणनीति में आमूलचूल परिवर्तन किया जाएगा।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि संगठन में 50 प्रतिशत स्थान 50 साल से कम उम्र के लोगों के देने के फैसले पर जल्द ही अमल शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा, अगले तीन-चार महीनों के भीतर ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों और जिला कांग्रेस कमेटियों के स्तर पर बदलाव होंगे और इनमें औसत उम्र 45 साल या इससे भी कम हो सकती है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी और कांग्रेस कार्य समिति के स्तर पर इस व्यवस्था को लागू करने में समय लग सकता है, क्योंकि इसमें वरिष्ठ नेताओं की मौजदूगी और कई अन्य पहलुओं को देखना होता है। कांग्रेस के नेता ने कहा, हाल के महीनों में पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में जिन नेताओं को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया, उनकी उम्र 35 से 50 साल के बीच में है। कांग्रेस युवाओं को लगातार मौके दे रही है।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि 15 जून से महंगाई और बेरोजगारी के विषय पर पार्टी के जनजागरण अभियान का दूसरा चरण आरंभ होगा और जिला स्तर पर चलेगा। उनके मुताबिक, कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों और समाज के अलग-अलग हिस्सों को साथ लेने का प्रयास होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस नेतृत्व अगले कुछ हफ्तों के भीतर कांग्रेस के उन 120 पदाधिकारियों के साथ लंबा मंथन करेगा, जो पार्टी के चिंतन शिविर में शामिल नहीं हो सके थे।
सूत्रों ने कहा, कांग्रेस के चिंतन शिविर में 430 लोगों को आमंत्रित किया गया। प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के करीब 70 कार्यकारी अध्यक्ष, 15-16 राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा कुछ राज्यों में हमारी पार्टी से संबंधित मंत्री चिंतन शिविर में शामिल नहीं हो सके थे। इनके साथ कुछ हफ्तों में कांग्रेस नेतृत्व बैठक करेगा।
चिंतन शिविर के समापन के दिन उदयपुर नवसंकल्प को सिर्फ हिंदी भाषा में जारी किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, यह रणनीति के तहत किया गया था। लंबे समय बाद ऐसा हुआ है कि कांग्रेस का कोई संकल्प सिर्फ हिंदी में जारी किया गया।
देश में 200 से अधिक लोकसभा सीट ऐसी हैं, जहां भाजपा से कांग्रेस का सीधा मुकाबला है और इनमें अधिकतर सीट हिंदी भाषी राज्यों से आती है। इसलिए हिंदी भाषा में संकल्प जारी करने का महत्व है।(भाषा)
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