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बिग बी को इन्होंने टैक्स में नहीं दी थी राहत, ये हैं देश के नए CJI रंजन गोगोई

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आकांक्षा दुबे

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज रंजन गोगोई ने बुधवार को चीफ जस्टिस पद की शपथ ले ली। गोगोई ने दीपक मिश्रा की सेवानिवृत्ति के बाद यह पदभार संभाला है। गोगोई इस पद पर पहुंचने वाले पूर्वोत्तर भारत के पहले शख्स हैं। उन्हें गंभीर, मृदुभाषी लेकिन बेहद सख्‍त जज के रूप में जाना जाता है। वे उन चार वरिष्ठ जजों में शामिल थे जिन्होंने इस साल को तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में मोर्चा खोला था। गोगोई के पिता केशब चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री भी थे। राजनीतिक पृष्ठभूमि और आगामी कुछ दिनों में अयोध्या मामले पर सुनवाई शुरू होने और आधार जैसी चुनौतियों के बीच सख्त गोगोई से कई उम्मीदें लगाई जा रही हैं।
 
स्कूल जाने के लिए हुआ टॉस और... : गोगोई के बड़े भाई रिटायर्ड एयर मार्शल अंजन कुमार गोगोई हैं। बचपन का एक किस्सा याद करते वे बताते हैं, ‘हम दोनों का गोलपारा के सैनिक स्कूल के लिए चयन हो गया था, लेकिन पिताजी के कहा कि कोई एक ही स्कूल में दाखिला ले सकता है। कौन सैनिक स्कूल जाएगा, इसके लिए टॉस हुआ। मैंने टॉस जीत लिया और मैं सैनिक स्कूल चला गया। अगर रंजन जाते तो निश्चित रूप से वे मुझसे आगे ही होते।’
 
 
पिता के कहने पर यूपीएससी दी, पास की : रंजन गोगोई को डिब्रूगढ़ के डॉन बॉस्को स्कूल भेजा गया। आगे की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज गए जहां उन्होंने इतिहास की पढ़ाई की। अंजन कुमार बताते हैं, ‘पिता की इच्छा थी कि रंजन यूपीएससी की परीक्षा दें। उन्होंने परीक्षा पास भी की लेकिन पिता को बता दिया कि उनकी रुचि कानून में है।’
 
इन चार उदाहरणों से समझे गोगोई का सख्त व्यक्तित्व
 
बिग बी को नहीं दी थी छूट : 2001-02 में आयकर विभाग कम टैक्स भरने की आशंका पर बिग बी के मशहूर शो कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) से अभिनेता की कमाई का दोबारा मूल्यांकन करवाना चाहता था। हाई कोर्ट ने तो राहत दे दी लेकिन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी। 2016 में जस्टिस गोगोई ने और जस्टिस पीसी पंत ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए दोबारा मूल्यांकन की अनुमति दी।
 
 
याचिका वापस लेने पर लगा दिया था 5 लाख का जुर्माना : जस्टिस गोगोई सख्ती के लिए भी जाने जाते हैं। किसी मामले पर याचिका वापस लेने पर उन्होंने पांच लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट में जुर्माना लगाए जाने का यह पहला मामला था। उनका कहना था कि याचिका की वजह से जज को 800 पन्ने पढ़ना पड़े। इतनी मेहनत किसी और महत्वपूर्ण केस में खर्च हो सकता था। 
 
एक साथ निपटा दिए थे 10 हजार केस! : गुवाहाटी हाई कोर्ट में गोगोई ने एक ही तरह के कई मामले एक साथ देखने की रणनीति अपनाई। इस तरह उन्होंने 10 हजार केस बेहद आसानी से निपटा दिए थे।
 
 
जब काटजू को फेसबुक पोस्ट पर घेरा था : सौम्या मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूर्व जज मार्कण्डेय काटजू की फेसबुक पोस्ट चर्चा में आ गई थी। जिसके बाद कोर्ट की ओर से उन्हें अवमानना का नोटिस पहुंचा था। जस्टिस गोगोई ने काटजू की कुछ और फेसबुक पोस्ट की फोटोकॉपी तक निकलवाई थी। कुछ हिस्से पढ़े जाने पर जब काटजू चिढ़े तो गोगोई ने कहा था, ‘हमें उकसाइए मत। वरना कहीं हमें आपके बाकी फेसबुक पोस्ट्स पर भी संज्ञान न लेना पड़े।‘
 
 
जन्म : 18 नवंबर, 1954, डिब्रूगढ़, असम
शिक्षा: डॉन बॉस्को स्कूल, डिब्रूगढ़, सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से इतिहास में स्नातक, डीयू से कानून की शिक्षा
1978 : वकालत के लिए पंजीकरण करवाया 
28 फरवरी 2001 : गुवाहटी हाईकोर्ट के जज बने
9 सितंबर 2010 :  पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में तबादला
12 फरवरी 2011 :  पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने
23 अप्रैल 2012 : सुप्रीम कोर्ट जज बने
3 अक्टूबर 2018 : 46वें  प्रधान न्यायाधीश  बनें। 17 नवंबर, 2019 तक रहेगा कार्यकाल
 
- स्कूल कॉलेज के समय फुटबॉल खिलाड़ी भी रहे, वाद-विवाद प्रतियोगिता में भी हिस्सा लेते थे। नियमित रूप से चेस खेलना पसंद।
- सुप्रीम कोर्ट के उन 11 जजों में से हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति सार्वजनिक की। उनके पास कार भी नहीं है। 
 
ये फैसले रहे चर्चा में
- राजीव गांधी हत्याकांड के आरोपियों की सजा में कमी, लोकपाल की नियुक्ति, असम में एनआरसी बनाना
- उप्र में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन आवास देने का नियम रद्द किया
- सरकारी विज्ञापनों में मंत्रियों और नेताओं के फोटो प्रकाशित करने के चलन पर रोक लगाई

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