नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और उच्च न्यायालयों के महापंजीयकों (आरजी) से सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का रिकॉर्ड तलब किया है।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका की बुधवार को सुनवाई के दौरान यह भी बताने को कहा है कि क्या सांसदों और विधायकों पर लंबित आपराधिक मुकदमों को दिसंबर 2017 के उसके निर्देशानुसार इन मामलों के लिए गठित विशेष अदालतों में स्थानांतरित कर दिया गया है?
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में बताया है कि अभी तक आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश सहित 10 राज्यों में 1-1 विशेष अदालत और दिल्ली में 2 विशेष अदालतें काम कर रही हैं।
सरकार ने यह भी बताया है कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित 1,233 मुकदमों को विशेष अदालतों में स्थानांतरित किया गया है जिनमें से 136 का निपटारा हो चुका है और 1,097 फिलहाल लंबित चल रहे हैं। याचिकाकर्ता ने सांसदों और विधायकों के ऊपर लंबित आपराधिक मुकदमों के निपटारे के लिए विशेष अदालतें बनाने की मांग की थी।