नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल 2019 (citizenship amendment bill) बुधवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून का रूप ले लेगा। इसके साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
राज्यसभा में लंबी बहस के बाद हुई वोटिंग में बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े, जबकि विरोध में 105 वोट पड़े। इसके साथ ही यह बिल संसद के दोनों सदनों में पारित हो गया। लोकसभा में यह बिल कल ही पास हो गया था।
शुरुआत में बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव गिर गया। बिल को कमेटी के पास भेजने के पक्ष में 99 वोट पड़े, जबकि विरोध में 124 वोट पड़े। इसके साथ ही टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन का संशोधन संबंधी प्रस्ताव 124 के मुकाबले 98 वोटों से गिर गया।
लोकसभा में बिल का समर्थन करने वाली शिवसेना को लेकर आशंका थी, लेकिन पार्टी ने वोटिंग से वॉकआउट कर सरकार के काम को आसान बना दिया। हालांकि सेलेक्ट कमेटी के पास बिल को भेजने पर हुई वोटिंग में ही विपक्ष की हार तय हो गई थी।