नागरिकता संशोधन बिल 2019 (citizenship amendment bill) बुधवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। यह बिल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून का रूप ले लेगा। इसके साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा। इस बिल को लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा कि NRC और CAB घातक हथियार साबित हो सकते हैं। सरकार इनका दुरुपयोग कर सकती है।
जेडीयू ने लोकसभा और राज्यसभा में इस विधेयक का समर्थन किया था, लेकिन प्रशांत किशोर शुरुआत से ही इस विधेयक का विरोध कर रहे थे। प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा है कि हमें बताया गया है कि यह विधेयक नागरिकता देने के लिए है, न कि किसी नागरिकता को छीनने के लिए।
यह विधेयक धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव करने और यहां तक कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार के हाथों में एक घातक हथियार में बदल सकता है। बुधवार को राज्यसभा में लंबी बहस के बाद हुई वोटिंग में बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े, जबकि विरोध में 105 वोट पड़े।
प्रशांत किशोर ने नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को अपनी पार्टी द्वारा समर्थन दिए जाने पर बुधवार को ट्वीट कर कहा था कि जेडीयू नेतृत्व को उन लोगों के बारे में विचार करना चाहिए जिन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव में उनमें आस्था और विश्वास को दोहराया था। किशोर ने बुधवार को ट्वीट में कहा था कि ''कैब का समर्थन करते हुए, जेडीयू नेतृत्व को एक पल के वास्ते उन सभी के बारे में विचार करना चाहिए, जिन्होंने 2015 में उनमें आस्था और विश्वास को दोहराया था।'