नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के एक धड़े के नेता चिराग पासवान की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा पशुपति कुमार पारस को सदन में पार्टी के नेता के तौर पर मान्यता देने को चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा, मुझे इस याचिका में कोई दम नजर नहीं आ रहा। अदालत इस मामले में चिराग पर जुर्माना लगाना चाहती थी, लेकिन उनके वकील के अनुरोध करने के बाद उसने ऐसा नहीं किया।
याचिका में लोकसभा अध्यक्ष के 14 जून के परिपत्र को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें चिराग के चाचा पारस का नाम लोकसभा में लोजपा के नेता के तौर पर दर्शाया गया था।
मंत्रिमंडल फेरबदल सह विस्तार के दौरान सात जुलाई को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले पारस ने अपने सियासी सफर का एक खासा हिस्सा अपने दिवंगत बड़े भाई रामविलास पासवान की छत्रछाया में बिताया है।(भाषा)