नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर विपक्ष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हमले पर पलटवार करते हुए शुक्रवार को सवाल किया कि क्या किसी विधेयक के खिलाफ वोट करने का मतलब संसद का विरोध करना होता है।
पूर्व गृहमंत्री ने ट्वीट कर कहा, प्रधानमंत्री सांसदों को नागरिक जिम्मेदारी का नया सबक पढ़ा रहे हैं। मुझे नहीं पता था कि अगर कोई सांसद संसद में किसी विधेयक के खिलाफ मतदान करता है, तो वह सांसद संसद के खिलाफ विरोध कर रहा है।
उन्होंने कहा, हम उन लोगों को शरण देने और अंततः उन्हें नागरिकता देने के खिलाफ नहीं हैं, जो पाकिस्तान में सताए गए हैं, चाहे वे हिंदू हों, सिख हों, जैन हों या ईसाई हों। उन्होंने कहा, हम केवल यह मांग करते हैं कि कानून सभी सताए गए लोगों पर समान रूप से लागू होना चाहिए, जिसमें पाकिस्तानी अहमदिया, श्रीलंकाई तमिल, भूटानी ईसाई, म्यांमार के रोहिंग्या आदि शामिल हों।
चिदंबरम ने कहा कि आदर्श कानून शरणार्थियों पर एक मानवीय और बिना भेदभाव का कानून होगा। गौरतलब है कि मोदी ने गुरुतिवार को कर्नाटक में विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ सप्ताह पहले संसद ने सीएए पारित किया था और कांग्रेस एवं उसके सहयोगी और उनके द्वारा निर्मित तंत्र भारतीय संसद के खिलाफ खड़े हैं।
उन्होंने कहा, हमारे (भाजपा) प्रति उनके मन में जिस तरह की नफरत है, वैसी ही आवाज इन दिनों देश की संसद के खिलाफ भी सुनी जा सकती है। इन लोगों ने देश की संसद के खिलाफ विरोध शुरू किया है। ये लोग दलितों के खिलाफ, दबे-कुचलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं जो पाकिस्तान से शरण मांगने के लिए आए हैं।