विजयवाड़ा। महाराष्ट्र में धर्माबाद की एक अदालत ने 2010 में गोदावरी नदी पर बबली परियोजना के काम में बाधा पहुंचाने के एक केस में शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, जल संसाधन मंत्री डी उमामहेश्वरा राव, पूर्व सांसद नमा नागेश्वरा राव और 13 अन्य नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए।
धर्माबाद के प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट एनआर गजभये ने पुलिस निरीक्षक धर्माबाद को इन सभी को गिरफ्तार कर 21 सितंबर तक अदालत में पेश करने के आदेश दिए हैं। यह मामला आठ वर्ष पहले का था जब नायडू अविभाजित आंध्र प्रदेश में विपक्ष के नेता थे और वे तेलुगूदेशम पार्टी के कईं नेताओं के साथ परियोजना स्थल पर गए तथा वहां इस काम में बाधा डाली थी।
इस परियोजना से जुड़े आधिकारियों ने धर्माबाद थाने में सरकारी काम को बाधित करने संबंधी एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस बीच नायडू के पुत्र और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री नारा लोकेश ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री इस मामले में अदालत के समक्ष पेश होंगे।
उन्होंने अपने पिता के कार्य का यह कहकर बचाव किया कि वह पार्टी के अन्य नेताओं के साथ परियोजना का विरोध करने गए थे क्योंकि यह तत्कालीन तेलंगाना के साथ अन्याय था। सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र के एक व्यक्ति ने धर्माबाद में इस केस के काफी समय से लंबित रहने के मामले में एक याचिका दायर की थी और अब आठ वर्षों के बाद इस केस के खुलने से राजनीतिक गलियारों में काफी सरगर्मी देखी जा रही है। (वार्ता)