Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

EWS कोटे के लिए केंद्र 8 लाख रुपए आय की सीमा पर कायम, सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी

हमें फॉलो करें EWS कोटे के लिए केंद्र 8 लाख रुपए आय की सीमा पर कायम, सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी
, रविवार, 2 जनवरी 2022 (20:34 IST)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि उसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के तहत लाभ हासिल करने के लिए पारिवारिक आय की सीमा 8 लाख रुपए सालाना या इससे कम को कायम रखने के 3 सदस्‍यीय समिति की सिफारिश को स्वीकार करने का फैसला किया है।

सरकार ने कहा कि समिति ने सिफारिश की है कि ईडब्ल्यूएस को परिभाषित करने के लिए परिवार का आय व्यवहारिक मापदंड है और मौजूदा परिस्थिति में परिवार की आठ लाख रुपए तक वार्षिक आय ईडब्ल्यूएस तय करने के लिए तार्किक प्रतीत होता है।

नीट-पीजी प्रवेश के मामले में दाखिल हलफनामे में केंद्र ने कहा कि समिति ने अनुशंसा की है केवल उन्हीं परिवारों को ईडब्लयूएस कोटे के तहत आरक्षण का लाभ मिले जिनकी पारिवारिक सालाना आय आठ लाख रुपए तक है।

केंद्र सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव आर सुब्रमण्यम ने हलफनामा दाखिल किया है। उन्होंने कहा, मैं सम्मान के साथ बताना चाहता हूं कि केंद्र सरकार ने समिति की अनुशंसा को स्वीकार करने का फैसला किया है, जिनमें मानदंडों को लागू करने की अनुशंसा भी शामिल है।

उल्लेखनीय है कि इस मुद्दे पर विचार करने के लिए सरकार ने पिछले साल 30 नवंबर को एक समिति बनाई थी जिसमें पूर्व वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय, आईसीएसएसआर में सदस्य सचिव वीके मल्होत्रा और केंद्र के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल शामिल थे। केंद्र सरकार ने यह समिति अदालत को दिए आश्वासन के तहत बनाई थी जिसमें कहा गया था कि वह ईडब्ल्यूएस के तहत लाभ देने के मापदंडों पर पुनर्विचार करेगी।

समिति ने पिछले साल 31 दिसंबर को रिपोर्ट सौंपी थी और केंद्र से कहा था, मौजूदा समय में ईडब्ल्यूएस के तहत आरक्षण के लिए आठ लाख रुपए या इससे कम सालाना पारिवारिक आय के मापदंड को कायम रखा जाना चाहिए। दूसरे शब्दों में केवल वे परिवार ही ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए योग्य हैं, जिनकी आय सालाना आठ लाख रुपए तक है।

समिति गठन के फैसले से अंतत: नीट-पीजी 2021 की कांउसलिंग में देरी हुई है जिसको लेकर बड़ी संख्या में रेजिडेंट डॉक्टर, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (एफओआरडीए) के बैनर तले दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं। वे कानूनी बाधाओं को शीघ्र दूर करने की मांग कर रहे हैं।

एफओआरडीए ने रेखांकित किया है कि नीट-पीजी 2021 में करीब आठ महीने की देरी से पूरे देश में रेजिडेंट डॉक्टरों की भारी कमी हो गई है। इस बीच, तीन सदस्‍यीय समिति ने अपनी रिर्पोट में कहा, वार्षिक पारिवारिक आय की मौजूदा सीमा को अति समावेशी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि वास्तविक आय के उपलब्ध आंकड़े अति समावेश का संकेत नहीं करते। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि आय में वेतन और कृषि से होने वाली कमाई भी शामिल है।

समिति ने अनुशंसा की, जिस व्यक्ति के परिवार के पास पांच एकड़ या इससे अधिक कृषि भूमि है, उसकी आय कुछ भी हो, उसे ईडब्ल्यूएस से अलग किया जा सकता है। आवासीय संपत्ति के मानदंड को भी हटाया जा सकता है।

समिति ने कहा कि उसने पाया कि मौजूदा मानदंड (इस रिपोर्ट से पहले लागू मानदंड) का इस्तेमाल वर्ष 2019 से किया जा रहा है और मौजूदा मानदंड की वांछनीयता और उसके पुनरीक्षण का सवाल केवल नीट-पीजी में प्रवेश के लिए दाखिल याचिकाओं के साथ हाल में उठा है।

रिपोर्ट में कहा, जब अदालत ने उठाए गए प्रश्नों की समीक्षा शुरू की और केंद्र सरकार ने नियुक्त समिति से मानदंड की समीक्षा कराने का फैसला किया, तब तक कुछ नियुक्तियों/ प्रवेश को लेकर चली प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी या दोबारा पुरानी स्थिति में लाने की अवस्था को पार कर चुकी थी।

समिति ने कहा, मौजूदा व्यवस्था जो वर्ष 2019 से चल रही है, अगर इसे प्रक्रिया के अंतिम दौर में बाधित किया जाता है तो यह दोनों लाभार्थियों और अधिकरियों के लिए उम्मीद से कहीं अधिक जटिलताएं उत्पन्न करेगी।

उल्लेखनीय है कि गत 25 नवंबर को केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा था कि उसने ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत प्रवेश और नौकरियों में आरक्षण के लिए आठ लाख रुपए की सालाना आय की अर्हता पर फिर से विचार करने का फैसला किया है और इसी के साथ नीट-पीजी के तहत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग को चार हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया जाएगा।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

UP Election 2022 : फ्री बिजली देने का फॉर्मूला केवल मुझे आता है और कोई नहीं दे पाएगा : अरविंद केजरीवाल