नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने भारतीय नागरिकों की निगरानी के लिए इसराइली स्पाइवेयर पेगासस के इस्तेमाल के मामले में बुधवार को 3 सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस मामले से संबंधित घटनाक्रम इस प्रकार है :
18 जुलाई : विश्व स्तर पर कई समाचार संगठनों ने इसराइली कंपनी द्वारा बनाए गए स्पाइवेयर के जरिए भारत सहित दुनियाभर में पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, राजनेताओं की जासूसी की खबर प्रकाशित की।
22 जुलाई : वकील एमएल शर्मा ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल कर अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल से मामले की जांच कराने की अपील की।
27 जुलाई : पत्रकार एन राम और शशि कुमार ने मामले की स्वतंत्र जांच की अपील करते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
5 अगस्त : उच्चतम न्यायालय ने मामले की सुनवाई शुरू की।
16 अगस्त : केंद्र ने एक संक्षिप्त हलफनामा दायर किया, जिसमें दावा किया गया कि आरोप अनुमान और अपुष्ट मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है।
17 अगस्त : उच्चतम न्यायालय ने याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया।
13 सितंबर : उच्चतम न्यायालय ने आदेश सुरक्षित रखा।
27 अक्टूबर : उच्चतम न्यायालय ने मामले की जांच के लिए साइबर विशेषज्ञों की समिति नियुक्त की। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आरवी रवींद्रन इसके कामकाज की देखरेख करेंगे।(भाषा)