नई दिल्ली। नए साल के पहले दिन आज देश को पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) मिला है। मंगलवार को सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए जनरल बिपिन रावत ने आज सुबह CDS के रूप में पदभार संभाला। इस मौके पर बिपिन रावत ने कहा कि तीनों सेनाओं के लिए मेरा व्यवहार एक जैसा रहेगा। हम संसाधनों का इस्तेमाल करेंगे।
उन्होंने कहा कि सेना राजनीति से दूर रहती है। सेनाएं सरकार के निर्देश पर काम करती है। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाएं साथ मिलकर कार्रवाई करेगी। सेना के प्लान किसी को बताए नहीं जाते हैं। बुधवार सुबह बिपिन रावत को साउथ ब्लॉक पर तीनों सेनाओं की तरफ से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बिपिन रावत ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
जनरल रावत ने कहा, सीडीएस अपने निर्देशों से बल को चलाने की कोशिश नहीं करेगा। समन्वय की जरूरत है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि समन्वित कार्रवाई के जरिए सेना के तीनों अंगों के 1+1+1 का जोड़ पांच या सात हो, न कि तीन हो। आपको तालमेल एवं समन्वय के जरिए और अधिक हासिल करना होगा, यही सीडीएस का लक्ष्य है।
समन्वय और संयुक्त प्रशिक्षण पर ध्यान देने के अलावा उन्होंने कहा कि खरीद के लिए प्रणाली में एकरूपता तथा सामंजस्य लाने के प्रयास किए जाएंगे ताकि थलसेना, नौसेना और वायुसेना एक-दूसरे के सहयोग से काम कर सकें।
थिएटर कमान की स्थापना के बारे में पूछे जाने पर जनरल रावत ने कहा, यह करने के कई तरीके हैं, मुझे लगता है कि हम सभी पश्चिमी तरीकों और दूसरों के किए की नकल कर रहे हैं। हमारी अपनी प्रणाली भी तो हो सकती है। हम एक-दूसरे की समझ से प्रणाली बनाने पर काम करेंगे और मुझे लगता है कि यह काम करेगी।
सेनाओं के बीच समन्वय लाने के लिए सरकार द्वारा तीन साल की समय-सीमा तय किए जाने पर सीडीएस ने कहा कि यह संभव है और वह इसके लिए कड़ी मेहनत करेंगे। यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर काम करने के लिए तीनों सेनाओं की क्या योजनाएं हैं, उन्होंने कहा, योजनाएं सार्वजनिक नहीं की जातीं। मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता।
जनरल रावत ने कहा कि वह सीडीएस के तौर पर तीनों सेनाओं के प्रति निष्पक्ष रहेंगे। उन्होंने कहा, मेरा सिर हल्का महसूस हो रहा है क्योंकि मैंने वो गोरखा टोपी उतार दी जिसे मैं 41 वर्षों से पहन रहा था, मैं ‘पीक कैप’ पहन रहा हूं जो यह बताने के लिए है कि हम अब निष्पक्ष हैं। सभी तीनों सेनाओं के प्रति निष्पक्ष रहेंगे।
उत्तरी सीमा पर चुनौतियों और वहां चीन की गतिविधियों के बारे में पूछने पर जनरल ने कहा कि सेना समेकित प्रयासों से काम करती रहेगी। जनरल रावत तीन साल के कार्यकाल के बाद मंगलवार को सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हो गए। सोमवार को उन्हें भारत का पहला सीडीएस नियुक्त किया गया था।
मनोज नरवाणे ने संभाला पदभार : थलसेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवाणे बुधवार सुबह दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मंगलवार को उन्होंने थलसेना के 28वें अध्यक्ष के रूप में अपना पदभार ग्रहण किया था। जनरल एमएम नरवाणे को इसके बाद सेना ने गार्ड ऑफ आनर दिया। बीते मंगलवार को पद संभालने के बाद उन्होंने कहा था कि आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का पैंतरा ज्यादा दिन नहीं चलेगा।
युद्ध स्मारक पहुंचे मनोज मुकुंद नरवाणे ने कहा कि मैं वाहेगुरुजी से प्रार्थना करता हूं कि वे मुझे सेना के प्रमुख के रूप में अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए साहस और शक्ति दें। तीनों सेवाएं देश की रक्षा के लिए तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारी प्राथमिकता हर समय ऑपरेशनल तरीके से तैयार रहने की होगी। हम मानवाधिकारों के सम्मान पर विशेष ध्यान देंगे।