नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके इन दिनों गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में हैं। हालात इतने बदतर हैं कि दिल्ली ‘गैस चैम्बर’ में तब्दील हो गई है। दिल्ली में प्रदूषण का प्रमुख कारण पड़ोसी राज्यों- पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को भी माना जा रहा है। प्रदूषण के कारण दिल्ली के सभी स्कूल 5 नवंबर तक की छुट्टी घोषित कर दी गई है।
प्रदूषण से बढ़ी मरीजों की संख्या : दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के साथ ही अस्पतालों में सांस संबंधी परेशानी वाले मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। चिकित्सक स्थानीय लोगों विशेषकर बच्चों एवं बुजुर्गों को यथासंभव घर के अंदर ही रहने की सलाह दे रहे हैं। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि आंखों से पानी आने, खांसी, सांस में परेशानी, एलर्जी, अस्थमा की परेशानी बढ़ जाने, हृदय संबंधी परेशानियों जैसी शिकायतों के साथ मरीज आ रहे हैं।
पराली न जलाने की अपील : किसानों से पराली न जलाने की अपील के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने इस तरह की घटनाओं की जानकारी देने वालों को इनाम के रूप में 1,000 रुपए नकद देने की घोषणा की है। बताया गया है कि जानकारी देने वाले का नाम सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
योगी ने बुलाई आपात बैठक : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राज्य में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। योगी ने यहां लोकभवन में राज्य में वायु प्रदूषण की स्थिति एवं इसके निवारण हेतु किए जा रहे उपायों की समीक्षा की।
480 तक पहुंचा आंकड़ा : शनिवार सुबह 7.30 बजे वायु गुणवत्ता का स्तर ओवरऑल 480 पर पहुंच गया। शुक्रवार को इतने ही बजे राजधानी का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 459 था, जो गुरुवार की रात 8 बजे 410 दर्ज किया गया था। हरियाणा के हिसार में तो सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं। यहां पीएम 10 का स्तर 845 और पीएम 2.5 का स्तर 731 है।