Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

क्या EVM हैक हो सकती है, ECI ने राहुल गांधी के आरोपों का दिया जवाब

एलन मस्क ने बताया था इंसानों या AI द्वारा हैक का खतरा

हमें फॉलो करें क्या EVM हैक हो सकती है, ECI ने राहुल गांधी के आरोपों का दिया जवाब

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, रविवार, 16 जून 2024 (17:14 IST)
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर एक बार फिर घमासान छिड़ गया है। मुंबई पुलिस के शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद एक बार फिर ईवीएम की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में आ गई है। महाराष्ट्र चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सवालों के जवाब दिए हैं। 
 
क्या बोला आयोग : रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने कहा कि आज जो खबर आई उस को लेकर कुछ लोगो ने ट्वीट किए। Evm को अनलॉक करने के लिए कोई OTP नहीं लगता है। Evm डिवाइस किसी से कनेक्ट नहीं रहता। अखबार द्वारा पूरी तरह से गलत खबर चलाई गई है। 
 
क्या कहा था मस्क ने : दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन एलन मस्क ने 15 जून को लिखा- EVM को खत्म कर देना चाहिए। इसे इंसानों या AI द्वारा हैक किए जाने का खतरा है। हालांकि, ये खतरा कम है, फिर भी बहुत ज्यादा है। अमेरिका में इससे वोटिंग नहीं करवानी चाहिए।
क्या बोले थे राहुल गांधी : राहुल गांधी ने मस्क के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए कहा- भारत में EVM ब्लैक बॉक्स की तरह है। किसी को भी इसकी जांच की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है। इस पोस्ट के साथ गांधी ने एक खबर भी साझा कि जिसमें दावा किया गया कि मुंबई की उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से 48 वोट से जीत दर्ज करने वाले शिवसेना के उम्मीदवार के एक रिश्तेदार के पास एक ऐसा फोन है जिससे ईवीएम में छेड़छाड़ संभव थी।
राहुल ने एलन मस्क की पोस्ट को भी शेयर किया : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ‘एक्स’ पर एलन मस्क की उस पोस्ट को भी साझा किया जिसमें मस्क ने ईवीएम को हटाने की बात कही थी। मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा था, हमें ईवीएम को खत्म कर देना चाहिए। मनुष्यों या कृत्रिम मेधा (एआई) द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालांकि छोटा है, फिर भी बहुत अधिक है।
उद्धव की शिवसेना ने उठाए सवाल : उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव आयोग पर पूरी तरह से समझौता करने का आरोप लगाते हुए मुंबई उत्तर पश्चिम सीट पर मतगणना प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
 
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना से जुड़े रवींद्र वायकर ने चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) के अमोल कीर्तिकर को 48 वोटों के अंतर से हराया। शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि एक बार गद्दार, हमेशा गद्दार!, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना उम्मीदवार अब लोकतंत्र के साथ विश्वासघात कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने मतगणना केंद्र के सीसीटीवी फुटेज साझा करने से इनकार कर दिया है। मुझे लगता है कि यह एक और चंडीगढ़ पल से बचने की कोशिश कर रहा है।
 
वनराई पुलिस स्टेशन ने मंगेश पांडिलकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जो श्री वायकर के रिश्तेदार और सहयोगी बताए जाते हैं। कीर्तिकर दो बार के सांसद गजानन कीर्तिकर के बेटे हैं। चूंकि ठाकरे ने अमोल कीर्तिकर के बेटे को मैदान में उतारा था, इसलिए वरिष्ठ चुनाव से दूर रहे। कीर्तिकर के नाम की घोषणा के एक महीने से अधिक समय बाद मौजूदा विधायक वायकर अपने पूर्व पार्टी सहयोगी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए शिंदे की पार्टी में शामिल हो गए।
 
राउत ने उठाए थे रिटर्निंग अधिकारी पर सवाल : कीर्तिकर और शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत पहले ही रिटर्निंग अधिकारी वंदना सूर्यवंशी की भूमिका पर सवाल उठा चुके हैं। मुंबई नॉर्थ वेस्ट के लिए मतगणना केंद्र गोरेगांव के नेस्को कॉम्प्लेक्स में बनाया गया था।
 
शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इसके बारे में बात की और सवाल किया कि भारत का चुनाव आयोग इस पर चुप क्यों है। इस बीच मुंबई पुलिस ने रविवार को वाइकर के रिश्तेदार एम पांडाकर को चार जून को लोकसभा मतगणना के दिन मतगणना स्थल पर मोबाइल फोन ले जाने के लिए समन जारी किया। इससे पहले पुलिस ने  पांडीरकर को अपना मोबाइल फोन मतगणना स्थल पर ले जाने की अनुमति देने के लिए उनके साथ-साथ एक मतदान कर्मचारी दिनेश गुरव के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था। 
विपक्ष ने दायर की थी याचिका : विपक्षी दल पिछले कुछ समय से ईवीएम पर चिंता जताते रहे हैं और उसने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर ‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपैट) पर्चियों का शत-प्रतिशत मिलान करने की अपील की थी लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया।  इनपुट भाषा

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्‍या अडाणी समूह को मिलने जा रही करोड़ों की धारावी वाली जमीन? क्या है सच