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क्‍या अडाणी समूह को मिलने जा रही करोड़ों की धारावी वाली जमीन? क्या है सच

हमें फॉलो करें क्‍या अडाणी समूह को मिलने जा रही करोड़ों की धारावी वाली जमीन? क्या है सच

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, रविवार, 16 जून 2024 (16:55 IST)
करोड़ों रुपए की धारावी झुग्गी-बस्ती पुनर्विकास परियोजना में अडाणी समूह को भूमि का हस्तांतरण शामिल नहीं है। सूत्रों ने इस बारे में स्थिति साफ करते हुए कहा है कि परियोजना में भूमि का हस्तांतरण महाराष्ट्र सरकार के विभागों को किया जाना है और अहमदाबाद का समूह सिर्फ एक परियोजना डेवलपर के रूप में मकान बनाएगा जो उन्हीं विभागों को सौंपे जाएंगे। बाद में इन घरों का आवंटन एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के निवासियों को किया जाएगा।
 
सांसद वर्षा गायकवाड़ ने इस मामले में भूमि हड़पने का आरोप लगाया है। इन आरोपों पर परियोजना से जुड़े सूत्रों ने कहा कि जमीन के टुकड़े सिर्फ राज्य सरकार के आवास विभाग के धारावी पुनर्विकास परियोजना/स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (डीआरपी/एसआरए) को हस्तांतरित किए जाने हैं।
अडाणी समूह ने खुली अंतरराष्ट्रीय बोली में धारावी स्लम पुनर्विकास परियोजना हासिल की थी। समूह अपनी संयुक्त उद्यम कंपनी धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट प्राइवेट लि. (डीआरपीपीएल) के माध्यम से आवास और वाणिज्यिक स्थान बनाएगा और उन्हें फिर से डीआरपी/एसआरए को सौंप देगा।
 
परियोजना पर गलतफहमियों को दूर करने की कोशिश करते हुए सूत्रों ने कहा कि निविदा के अनुसार, भूमि सरकार द्वारा तय दरों पर डीआरपी/एसआरए को आवंटित की जाएगी।
 
इस मामले में जहां डीआरपीपीएल को विकास अधिकार मिला हैं, राज्य समर्थन समझौता, निविदा दस्तावेज का हिस्सा है। यह स्पष्ट रूप से कहता है कि राज्य सरकार अपने स्वयं के डीआरपी/एसआरए विभाग को भूमि देकर परियोजना का समर्थन करेगी।
 
रेलवे भूमि के आवंटन के मुद्दे पर, जहां धारावी के निवासियों के पहले सेट की पुनर्वास इकाइयां बनाई जानी हैं, सूत्रों ने कहा कि इसे निविदा से पहले ही डीआरपी को आवंटित किया गया था, जिसके लिए डीआरपीपीएल ने प्रचलित दरों पर 170 प्रतिशत के भारी प्रीमियम का भुगतान किया है।
 
इन आरोपों को कि धारावीवासियों को धारावी से बाहर निकाल दिया जाएगा और बेघर कर दिया जाएगा, को पूरी तरह से काल्पनिक और जनता के बीच चिंता पैदा करने के लिए एक कल्पना करार देते हुए सूत्रों ने कहा कि सरकार के 2022 के आदेश में यह शर्त रखी गई है कि धारावी के प्रत्येक निवासी (पात्र या अपात्र) को एक घर दिया जाएगा।
 
उन्होंने जोर देकर कहा कि डीआरपी/एसआरए योजना के तहत किसी भी धारावीवासी को विस्थापित नहीं किया जाएगा। 1 जनवरी 2000 को या उससे पहले मौजूद मकानों के धारक यथास्थान पुनर्वास के पात्र होंगे। एक जनवरी, 2000 से एक जनवरी, 2011 के बीच मौजूद लोगों को धारावी के बाहर मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में कहीं भी पीएमएवाई के तहत सिर्फ 2.5 लाख रुपए में या किराए के माध्यम से घर आवंटित किए जाएंगे।
 
सूत्रों ने कहा कि धारावी पुनर्विकास निविदा बेहद प्रगतिशील है। यह पूरी तरह से स्थानीय लोगों के अनुकूल है और इसमें मुफ्त और बेहद रियायती आवास, स्टाम्प शुल्क और संपत्ति कर की छूट, 10 वर्ष का नि:शुल्क रखरखाव और आवासीय परिसर में 10 प्रतिशत वाणिज्यिक क्षेत्र शामिल है।
 
निविदा में काम पूरा करने के लिए सख्त समयसीमा तय की गई है और किसी भी उल्लंघन पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है। कुर्ला मदर डेयरी की जमीन के आवंटन के आरोप पर सूत्रों ने कहा कि यह जमीन डीआरपी को दी जा रही है, न कि अडाणी या डीआरपीपीएल को। महाराष्ट्र भूमि राजस्व (सरकारी भूमि का निपटान) नियम, 1971 के तहत पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि चुनावी लाभ के लिए परियोजना को लेकर एक फर्जी कहानी फैलाई जा रही है, जो अगर सफल हो जाती है, तो धारावी के लोगों को खराब परिस्थितियों में रहना पड़ेगा और बुनियादी सुविधाओं तक उनकी पहुंच कम होगी।
 
धारावी पुनर्विकास परियोजना अपनी तरह की पहली पहल है, जो इलाके को विश्वस्तरीय शहर में बदलने की कोशिश करती है। सूत्रों ने कहा कि परियोजना मानव केंद्रित नजरिए से धारावी के 10 लाख से अधिक निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना चाहती है। उन्होंने कहा कि यहां टिकाऊ परिवहन प्रणालियों और अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ ही युवाओं के कौशल विकास पर भी खास जोर दिया जा रहा है। इनपुट भाषा

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