नागपुर। बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने जेईई-मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया लेकिन साथ ही कहा कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित हिस्सों में रहने वाले ऐसे छात्र जो परीक्षा केन्द्रों तक नहीं पहुंच सके हैं या देरी से पहुंचे हैं, वे राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी का रुख कर दोबारा-परीक्षा आयोजित कराने के लिये आवेदन दे सकते हैं।
न्यायमूर्ति रवि देशपांडे और न्यायमूर्ति पुष्पा गनेडीवाला की खंडपीठ ने कहा कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) इस तरह के अनुरोधों पर विचार करें और उसकी सत्यता की जांच करने के बाद निर्णय लें।
इंजीनियरिंग जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई)- की मुख्य परीक्षा देशभर में मंगलवार सुबह नौ बजे शुरू हुई है।
पीठ ने कहा, 'कई जिलों में बाढ़ की वजह से स्थिति गंभीर है। छात्रों को अपनी गलती ना होने पर खामियाजा नहीं उठाना चाहिए।'
अदालत ने कहा कि कोई भी पीड़ित छात्र अपने केन्द्र समन्वयक के माध्यम से एनटीए के समक्ष आवेदन दायर कर सकता है।
अदालत ने कहा, 'राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी आवेदन पर गौर करके और संबंधित जिला कलेक्टर से विचार-विमर्श कर 15 दिन के अंदर फैसला ले।' (भाषा)