नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगाया गया लॉकडाउन देश को खासा महंगा पड़ गया। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है।
कांग्रेस नेता और फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर कहा कि जिस तरह हमने सकल घरेलू उत्पाद के 23 फीसदी गिरने की दिल तोड़ने वाली खबर सुनी। दुर्भाग्य से यह 40 सालों में सबसे खराब गिरावट रही है। उम्मीद है और दुआ भी करता हूं कि इसे भी 'एक्ट ऑफ गॉड' का जिम्मेदार न ठहराया जाए।
उल्लेखनीय है कि मार्च के अंतिम सप्ताह से लेकर मई मध्य तक पूरे देश में पूर्ण बंदी रही थी। इसके बाद सरकार ने चरणबद्ध तरीके से सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करते हुये विनिर्माण सहित विभिन्न गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दी थी और अब तक सभी क्षेत्र कोरोना से पहले की स्थिति में काम नहीं कर रहे हैं।
चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने में अप्रैल से जुलाई तक सरकार का वित्तीय घाटा बजट अनुमान के 103 प्रतिशत को पार कर गया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 4 महीने में कोरोना काल के दौरान वित्तीय घाटा 8.21 लाख करोड़ रुपए रहा है। इस अवधि में कुल कर राजस्व संग्रह 2.03 लाख करोड़ रुपए रहा जबकि कुल व्यय 10.5 लाख करोड़ रुपए रहा।
कोरोना वायरस से निटपने के लिए सरकार द्वारा किए गए व्यापक स्तर पर व्यय और लॉकडाउन के कारण कर राजस्व में गिरावट आने के कारण वित्तीय घाटा बजट अनुमान को पार कर गया है।