जोधपुर। जोधपुर के मथुरादास अस्पताल से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है। यहां के शव गृह (Mortuary) में कर्मचारियों की लापरवाही के कारण दो शव आपस में बदल गए। मोर्चरी वर्कर्स ने लावारिस शव की जगह पर किसी दूसरे मृतक के शव को अंतिम संस्कार करने वाली संस्था को सौंप दिया। कुछ घंटों बाद जब मृतक के परिजन अस्पताल पहुंचे तो उन्हें लावारिस व्यक्ति का शव मिला। इस पर उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। घटना की सूचना मिलने पर प्रशासनिक पुलिस अधिकारी अस्पताल पहुंचे और मृतक के परिजनों को शांत कराकर मामले पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
एक ही समय पर दो शवों के आने से हुई लापरवाही :
मृतक राजस्थान के जालोर के पास स्थित भवरानी गांव का निवासी भैराराम सरगरा बताया जा रहा है, जो जोधपुर के बसानी इलाके में काम करता था। भैराराम की पिछले दिनों तबियत खराब हुई, जिसके चलते उसे जोधुपर के मथुरादास अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इसी दिन अस्पताल में भर्ती राजेश नायक नाम के व्यक्ति की भी मौत हुई थी, जो जोधपुर के 'अपना घर आश्रम' में रहता था।
मृतक के परिजनों ने किया हंगामा :
राजेश के परिवार में कोई नहीं था, इसलिए हिंदू सेवा मंडल नाम के संगठन द्वारा उसके अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी ली गई। इस दौरान अस्पताल के शवगृह में कार्यरत कर्मचारियों ने हिंदू सेवा मंडल को राजेश नायक की जगह भैराराम सरगरा का शव दे दिया, जिसके बाद संस्था द्वारा उसका अंतिम संस्कार करा दिया गया। भैराराम की मृत्यु के दूसरे दिन जब उसके परिजन शव लेने पहुंचे तो उन्होंने राजेश नायक का शव पाया, जिसके बाद इस लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सरगरा समाज के सैंकड़ों लोग अस्पताल के बाहर जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे।
परिवार को मिलेगा 1 लाख का मुआवजा :
हंगामे की सूचना मिलते ही जिले के कलेक्टर सहित उपखंड अधिकारी, एडीसीपी आदि अस्पताल पहुंचे और परिजनों से बात करके उन्हें शांत करवाया। उसके बाद हिन्दू सेवा मंडल के कार्यकर्ताओं ने आकर भैराराम की अस्थियों का कलश परिवार को सौंप दिया, तब जाकर मामला थोड़ा शांत हुआ। अधिकारियों ने सरगरा के परिजनों को नियमानुसार 1लाख का मुआवजा दिलवाने का आश्वासन भी दिया।