नई दिल्ली। कल जर्मनी के म्यूनिख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने जिक्र किया था कि भारत में 99 प्रतिशत गांवों में खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन और बिजली है। इस बीच ऐसी खबरें आईं कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के गांव में बिजली नहीं है। उनके रिश्तेदार केरोसीन के तेल से दीपक जलाकर रहते हैं।
इस खबर को लेकर अब कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज जिले की रहने वाली हैं। उनका पैतृक गांव कुसुम प्रखंड अंतर्गत डूंगुरीशाही गांव में पड़ता है, जहां अभी तक बिजली नहीं है। इस गांव में दो टोले हैं, बड़ा शाही और डूंगरीशाही। बड़ा शाही में तो बिजली है, लेकिन डूंगरीशाही में नहीं।
मुर्मू के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित होते ही प्रशासन हरकत में आया और वहां पर खंभे, ट्रांसफार्मर आदि लगाने का काम शुरू करवाया। चिदंबरम ने ट्वीट कर लिखा कि जिस दिन पीएम मोदी ने दावा किया कि सभी गांवों में बिजली पहुंच गई है। हमने न्यूज में देखा कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मुर्मू के पैतृक गांव में बिजली नहीं है और वहां पर बिजली पहुंचाने के लिए अब सरकार युद्धस्तर पर कदम उठा रही है।
यह अकेला गांव नहीं है, जहां पर बिजली नहीं है। ये स्वीकार करने में कोई शर्म की बात नहीं है कि भारत के कई दूरदराज इलाकों और गांवों तक बिजली पहुंचनी बाकी है। चिदंबरम ने आगे लिखा कि पिछले 75 वर्षों में हमने जो हासिल किया है वो वास्तव में प्रभावशाली है।
लेकिन भारत के सभी हिस्सों में आवश्यक सेवाओं का पहुंचना हमेशा ही 'कार्य प्रगति पर है' की तरह रहा है। वहीं पीएम को 2004 तक की जबरदस्त उपलब्धियों को स्वीकार करना चाहिए था और उनकी सरकार केवल पिछली सरकारों के काम को जारी रखे हुए है।