नई दिल्ली। भाजपा के निशिकांत दूबे ने शुक्रवार को कहा कि महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण संबंधी कानून के बगैर भी दूसरे तरीकों से लोकसभा और विधानसभाओं में उनकी भागीदारी बढ़ाई जा सकती है।
मतदान अनिवार्य करने के लिए कानून बनाने संबंधी गैर-सरकारी विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान दूबे ने कहा कि उनकी पार्टी महिलाओं को आरक्षण देने के पक्ष में है, लेकिन कई दल इसका विरोध कर रहे हैं। बीजू जनता दल ने इस बार 33 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देकर इस दिशा में काम किया है।
उन्होंने कहा कि लेकिन यह देखना अहम होगा कि इनमें से जो महिलाएं चुनकर आई हैं, वे सदन में कितने मुद्दे उठा रही हैं और किस तरह के मुद्दे उठा रही हैं। सत्र के अंत में इसका आकलन किया जाना चाहिए।
इस बीच, एक सदस्य ने ध्यान दिलाया कि सदन की पीठासीन अधिकारी भी महिला हैं। उस समय आसन पर भाजपा की मीनाक्षी लेखी विराजमान थीं। इस पर लेखी ने याद दिलाया कि वे आरक्षण से नहीं बल्कि चुनाव में दो पुरुषों को शिकस्त देकर सदन में पहुंची हैं।
उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में मीनाक्षी लेखी ढाई लाख से ज्यादा वोटों से विजयी रही थीं। यहां दूसरे नंबर कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय मकान रहे थे, जबकि आम आदमी पार्टी के बृजेश गोयल तीसरे स्थान पर रहे थे।