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बिहार में यहां अभी भी है बाढ़ का प्रकोप, 300 से ज्यादा की मौत

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पटना , मंगलवार, 22 अगस्त 2017 (08:26 IST)
पटना। बिहार में गंगा समेत आठ प्रमुख नदियों में उफान से 18 जिलों में जारी बाढ़ के कहर में अब तक 304 लोगों की मौत हो चुकी है। युद्धस्तर पर जारी राहत एवं बचाव कार्यों की बदौलत सात लाख 35 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
 
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गंगा समेत राज्य की आठ प्रमुख नदियां कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, पुनपुन, घाघरा और अधवारा समूह का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहने के कारण अभी भी 18 जिलों पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर,  गोपालगंज, सहरसा,  खगड़िया,  सारण एवं समस्तीपुर बाढ़ की चपेट में हैं। प्रभावित जिलों में मृतकों की संख्या 304 पर पहुंच गई है।
 
सूत्रों ने बताया कि बाढ़ की इस विभीषिका में सबसे अधिक 71 लोगों की मौत अररिया जिले में हुई है। वहीं, मृतकों की संख्या सीतामढ़ी में 34, पश्चिम चंपारण में 29, कटिहार में 26, पूर्वी चंपारण एवं दरभंगा में 19-19, मधुबनी में 22, मधेपुरा में 15, सुपौल में 13, किशनगंज में 11, पूर्णिया एवं गोपालगंज में नौ-नौ, मुजफ्फरपुर सात, खगड़िया और सारण में छह-छह तथा सहरसा एवं शिवहर में चार-चार पर पहुंच गई है।
 
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा बल (एसडीआरएफ) एवं सेना के युद्धस्तर पर जारी राहत एवं बचाव कार्यों की बदौलत अब तक 734512 लोगों ऊंचे एवं सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। अररिया जिले में बाढ़ में फंसे दो लाख 19 हजार लोगों को निकाला गया है। 
 
वहीं, पूर्णिया में में 78030, मुजफ्फरपुर में 72600, सुपौल में 70 हजार, कटिहार में 65 हजार, पश्चिम चंपारण में 46 हजार, पूर्वी चंपारण में 45219, मधुबनी में 40251, सारण में 24900, मधेपुरा में 17365, सहरसा में 11708, गोपालगंज में 11102 किशनगंज में 10200, दरभंगा में 9212, सीतामढ़ी में 8200, शिवहर में 4225 और खगड़िया में 1500 लोगों को ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
 
बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है तथा अब तक कुल 1346 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें तीन लाख 27 हजार 156 लोगों ने शरण ली है। राहत शिविर में नहीं रहे रहे बाढ़ प्रभावितों के लिए 2219 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक दवाएं, ब्लीचिंग पाउडर एवं सर्पदंश से संबंधित दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दी गई हैं। वहीं प्रभावित पशुओं के टीकाकरण एवं चारे की भी व्यवस्था की जा रही है।
 
प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर जारी रखने के लिए जहां 1152 जवान एवं 118 नौकाओं के साथ एनडीआरएफ की 28 टीम, 466 जवान और 92 नौकाओं के साथ एसडीआरएफ की 16 टीम लगी हुई है। (भाषा) 

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