Chandrayaan-3 big update : चन्द्रयान-3 से भारत ने अंतरिक्ष में इतिहास रचा था। अब इसे लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर सुप्तावस्था में है, लेकिन इसके फिर से सक्रिय होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी इस बात से भलीभांति अवगत है कि रोवर और लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर सुप्तावस्था या निष्क्रय अवस्था में चले गए हैं।
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य सॉफ्ट लैंडिंग था और इसके बाद अगले 14 दिन तक प्रयोग किए गए और सभी जरूरी आंकड़े एकत्र कर लिए गए हैं।
सोमनाथ ने यहां मलयाला मनोरमा समूह द्वारा आयोजित मनोरमा न्यूज कॉन्क्लेव 2023 को संबोधित करते हुए कहा कि अब यह वहां शांति से सो रहा है...इसे अच्छे से सोने दो..हम इसे परेशान न करें...जब यह अपने आप उठना चाहेगा, तो उठेगा...मैं अभी इसके बारे में यही कहना चाहता हूं।
यह पूछे जाने पर कि क्या इसरो को अब भी उम्मीद है कि रोवर फिर से सक्रिय हो जाएगा, उन्होंने कहा, उम्मीद रखने का कारण है।
सोमनाथ ने अपनी उम्मीद के कारण बताते हुए कहा कि इस मिशन में एक लैंडर और एक रोवर शामिल थे। उन्होंने बताया कि चूंकि लैंडर एक विशाल संरचना है, इसलिए इसका पूरी तरह से परीक्षण नहीं किया जा सका।
उन्होंने कहा कि लेकिन जब रोवर का परीक्षण शून्य से 200 डिग्री सेल्सियस नीचे पर किया गया, तो यह उससे भी कम तापमान पर काम करता हुआ पाया गया।
इसरो प्रमुख ने स्पष्ट किया कि चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि इसरो मिशन के माध्यम से एकत्र किए गए वैज्ञानिक डेटा का पता लगाने की कोशिश कर रहा है।
गत 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरने के बाद, लैंडर तथा रोवर और पेलोड ने एक के बाद एक प्रयोग किए ताकि उन्हें 14 पृथ्वी दिन (एक चंद्र दिवस) के भीतर पूरा किया जा सके। चंद्रमा पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है।
पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा पर रात्रि की शुरुआत होने से पहले, लैंडर और रोवर दोनों क्रमश: 4 और 2 सितंबर को सुप्तावस्था या निष्क्रय अवस्था (स्लीप मोड) में चले गए थे।
इसरो ने 22 सितंबर को कहा था कि उसने अपने चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के साथ सम्पर्क करने के प्रयास किए हैं ताकि उनके सक्रिय होने की स्थिति का पता लगाया जा सके लेकिन अभी तक उनसे कोई सिग्नल नहीं मिला है। एजेंसियां