Chandrayaan-3 : भारत की कामयाबी से चीन सहन नहीं होती है। भारत ने चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अंतरिक्ष यान को उतारा, जिसमें इसरो के वैज्ञानिकों का लौहा दुनिया ने माना। अब चीन के एक बड़े वैज्ञानिक के बयान से खलबली मच गई है। वैज्ञानिक का दावा है कि भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं उतरा। चीन के अंतरिक्ष वैज्ञानिक ओयूयांग जियूआन ने बुधवार को यह दावा किया।
जियूआन चीन के पहले चंद्र मिशन के मुख्य वैज्ञानिक रह चुके हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत के चंद्रयान 3 ने न तो दक्षिणी ध्रुव पर या न ही उसके पास लैंडिंग की है।
चीनी वैज्ञानिक ने कहा कि 'चंद्रयान-3 का लैंडिंग साइट चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव नहीं था। न ही चंद्रमा का ध्रुवीय इलाका या अंटारकटिक का ध्रुवीय इलाका।' जियूआन चीन के अकादमी ऑफ साइंसेज के सदस्य हैं। उन्होंने साइंस टाइम्स अखबार से बातचीत में यह दावा किया।
किस मान्यता पर किया दावा : चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव कहां पर है। धरती पर यह तय है कि 66.5 और 90 डिग्री के बीच का दक्षिण का इलाका दक्षिणी ध्रुव है। चीनी वैज्ञानिक अपने दावे के समर्थन में दलील देते हैं कि चूंकि चंद्रमा 1.5 डिग्री झुका है, ऐसे में उसका दक्षिणी ध्रुव का इलाका धरती के मुकाबले बहुत छोटा है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का मानना है कि चंद्रमा का दक्षिणी इलाका 80 से 90 डिग्री के बीच है। चीनी वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि यह 88.5 से 90 डिग्री के बीच है जो काफी छोटा है।