नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण से बचाव के लिए कल यानी शनिवार से शुरू हो रहे देशव्यापी टीकाकरण अभियान से पहले केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा की यह कदम संभवत: कोविड-19 के अंत की शुरुआत है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 146वें स्थापना दिवस के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि यद्यपि टीकाकरण अभियान शुरू होने वाला है, लेकिन लोगों को संक्रमण से बचाव के तरीकों में ढिलाई नहीं देनी चाहिए और नियमों का पालन करते रहना चाहिए।
वर्धन ने कहा कि कल एक अहम दिन है, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई का यह अंतिम चरण है। मैं तो कहता हूं कि यह संभवत: कोविड के अंत की शुरुआत है, जो कल से प्रारंभ होने जा रही है।
हर्षवर्धन ने कोविड-19 से बचाव के लिए 16 जनवरी से शुरू हो रहे राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की तैयारियों की शुक्रवार को समीक्षा की और स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्माण भवन परिसर में बनाए गए विशेष कोविड-19 नियंत्रण कक्ष का भी जायजा लिया।
मोदी करेंगे टीकाकरण का शुभारंभ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शनिवार को साढ़े दस बजे देश में कोविड-19 टीकाकरण अभियान के पहले चरण की शुरुआत करेंगे। पूरे देश में एक साथ टीकाकरण अभियान की शुरुआत होगी और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि एक टीकाकरण केंद्र पर एक सत्र में 100 लोगों का टीकाकरण होगा।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चरणबद्ध तरीके से प्राथमिकता समूह के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी। आईसीडीएस (एकीकृत बाल विकास सेवा) कर्मियों समेत सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को इस चरण में टीके दिए जाएंगे।
हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत का टीकाकरण अभियान दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा। उन्होंने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन दोनों टीकों को सुरक्षा के मानकों पर सुरक्षित और असरदार पाया गया है तथा महामारी को रोकने में यह सबसे महत्वपूर्ण औजार है।
कोविड नियंत्रण कक्ष के अपने दौरे के दौरान हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तैयार ऑनलाइन मंच कोविन की कार्यप्रणाली के हरेक पहलुओं पर गौर किया। टीकाकरण कार्यक्रम में इस पोर्टल की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके जरिए टीका के भंडार, स्टोरेज के तापमान, लाभार्थियों के नामों का पता लगाया जाएगा। टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर इससे मदद मिलेगी।
बयान में कहा गया कि हर्षवर्धन ने सुझाव दिया कि सॉफ्टवेयर में संशोधन और कोविन मंच के अनुभवों का इस्तेमाल भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण अभियान में किया जा सकता है।
1.65 करोड़ खुराकों का डाटाबेस : कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 1.65 करोड़ खुराकों में से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को डाटाबेस में उपलब्ध स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या के हिसाब से टीकों का आवंटन कर दिया गया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 10 प्रतिशत खुराकों को सुरक्षित रखने और एक दिन में एक सत्र में 100 लोगों के टीकाकरण के लिए कहा गया है।