मुंबई। विजया बैंक और देना बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में प्रस्तावित विलय के खिलाफ सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारियों ने 26 दिसंबर को एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अधिकारियों की यूनियन ने इन्हीं मांगों और वेतन-वार्ता को शीघ्र संपन्न करने की मांग को लेकर शुक्रवार को हड़ताल की थी।
सरकार ने सितंबर में सार्वजनिक क्षेत्र के विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय करने की घोषणा की थी। इससे देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा। विजया बैंक और देना बैंक कमजोर बैंकों के लिए रिजर्व बैंक की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) नियमों के तहत कुछ पाबंदी में रखे गए हैं।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने कहा कि यह विलय बैंक या बैंक ग्राहकों के हित में नहीं है औरवास्तव में इससे दोनों को नुकसान होगा। यूएफबीयू 9 बैंक यूनियनों का संगठन है। इसमें ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन, ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉइज एसोसिएशन और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स आदि यूनियनें शामिल हैं। नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा कि 26 दिसंबर की हड़ताल तय कार्यक्रम के अनुसार होगी।
यूनियनों का दावा है कि सरकार विलय के जरिए बैंकों का आकार बढ़ाना चाहती है लेकिन यदि देश के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को भी मिलाकर एक कर दिया जाए तो भी विलय के बाद अस्तित्व में आई इकाई को दुनिया के शीर्ष 10 बैंकों में स्थान नहीं मिलेगा। बैंक यूनियनें 26 दिसंबर को रैली निकालने जाएंगी और दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया है।