नई दिल्ली। एक अमेरिकी अखबार ने बाबा रामदेव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तुलना करते हुए कहा कि बाबा रामदेव, भारत के डोनाल्ड ट्रंप हैं और इस बात की संभावना ज्यादा है कि भविष्य में भारत के प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि एक तरह से देखा कहा जाए तो रामदेव कई मायनें में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जैसे हैं। ट्रंप की तरह ही रामदेव का भी करोड़ों का कारोबार है, ट्रंप की तरह वह बहुत बड़ी टीवी शख्सियत हैं। पिछले साल उनकी जीवनी को रिलीज करने से रोक दिया गया था। रामदेव किसी देश के प्रधानमंत्री से अधिक पावरफुल हैं।
अखबार ने यह भी लिखा है कि रामदेव ने 2014 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनवाने के लिए आंदोलन चलाया। उन्होंने कई मौकों पर पीएम मोदी के साथ मंच साझा किया। रामदेव ने पीएम मोदी को करीबी मित्र बताया था और प्रधानमंत्री मोदी भी पतंजलि के उत्पादों की तारीफ कर चुके हैं।
हिंदू धर्म की सशक्त आवाज : रिपोर्ट में रामदेव की तुलना दक्षिण-पूर्ण के बापटिस्ट फायरब्रांड बिली ग्राहम से की की गई है। उन्होंने ईसाई धर्म को नई ऊर्जा दी। वह अमेरिका के कई राष्ट्रपतियों को सलाह देते रहे हैं। इसी तरह रामदेव भी भारत में हिंदुओं के अधिकारों की सशक्त आवाज हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का ऐलान : बाबा रामदेव भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चला चुके हैं। वह स्वदेशी वस्तुओं और भारतीय आर्थिक राष्ट्रवाद के बढ़ावा देने विदेशी कंपनियों के खिलाफ मुहिम छेड़ चुके हैं।
बाबा रामदेव पर और क्या लिखा न्यूयॉर्क टाइम्स ने : अखबार ने लिखा कि 2018 में कुछ समय पूर्व नई दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में भारत सरकार के कई मंत्रियों के अलावा कई जानी-मानी हस्तियां एकत्र हुई थीं। यह सब बाबा रामदेव की बॉयोपिक फिल्म को देखने के लिए आए थे। मंच पर राजनेताओं और कैबिनेट के सदस्यों के बीच भी उपस्थित थे।
भारी जनसमूह के बीच बाबा रामदेव ने माइक लिया और वहां पर बैठे ब्रम्हचारी छात्रों का परिचय कराया। 'भारत माता की जय' के नारे लगाए। लोगों ने हाथ उठाकर कहा, 'भारत महान है'। यहां पर बताया गया कि कैसे उन्होंने योग कैंप चलाकर भारत के मिडिल क्लास में फिटनेस लाने का काम किया, कैसे उन्होंने औषधि और कंज्यूमर गुड्स कंपनी पतंजलि आयुर्वेद बनाई और कैसे उन्होंने करोड़ों का साम्राज्य स्थापित किया।