नई दिल्ली। चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद गठबंधन के सभी दल कांग्रेस पर हमलावर हो गए हैं। कांग्रेस पर विपक्षी गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) के सहयोगी दलों की अनदेखी करने के आरोप तेज हो गए हैं. पिछले 3 महीने में इंडिया की बैठकों को रोककर कांग्रेस का नेतृत्व 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों पर फोकस कर रहा था।
नतीजों के सामने आने के बाद चार में से तीन राज्यों में कांग्रेस की हार हो गई. इसके बाद कांग्रेस को अब गठबंधन में शामिल दूसरे दलों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। जो इसे एक बड़े मौके की चूक बता रहे हैं।
चार राज्यों के चुनावों के नतीजों के बीच ही कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने विपक्षी दलों के नेताओं को फोन करके अपने दिल्ली आवास पर 6 दिसंबर को एक बैठक बुलाई। इंडिया गठबंधन की आखिरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में हुई थी। इस तीन महीने में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के बीच कटुता उभरकर सामने आ गई. कांग्रेस ने इन सभी 5 राज्यों में हुए चुनाव में विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल अपने सहयोगियों को सीटें देने से साफ इनकार कर दिया। कांग्रेस का कहना था कि यह गठबंधन केवल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए है।
इंडिया गठबंधन में सबसे ज्यादा कटुता मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ सीटें बांटने से इनकार करने पर देखी गई। सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया। इसके जवाब में कांग्रेस के मध्य प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने तंज किया कि अरे भाई, छोड़ो अखिलेश अखिलेश। जबकि अखिलेश यादव ने कहा कि सपा को यह भरोसा दिया गया था कि कांग्रेस राज्य में उन्हें पांच सीटें देगी। कांग्रेस ने तेलंगाना भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) को एक सीट दी। इसके अलावा उसने किसी भी सहयोगी पार्टी ने अन्य तीन राज्यों में कोई सीट देने से साफ मना कर दिया।
Edited by navin rangiyal