Sharad Pawar's statement regarding opposition parties : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को स्वीकार किया कि कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ने पर विपक्षी दलों में अलग-अलग राय है, लेकिन यह भी एक विचार है कि सभी को साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए।
पवार ने कहा कि (नवंबर में पांच राज्यों में होने जा रहे) विधानसभा चुनावों के रुझान से पता चलता है कि स्थिति विपक्ष के लिए अनुकूल है, लेकिन उन्होंने कहा कि उनके पास यह टिप्पणी करने के लिए कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है कि राष्ट्रीय स्तर पर (सरकार में) क्या कोई बदलाव होगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पंजाब सहित ज्यादातर राज्यों में सरकार नहीं है। पवार ने कहा, हमारे कुछ विचार हैं। (विपक्षी दलों में से) ज्यादातर की राय यह है कि सबको संसदीय चुनाव में (भाजपा नीत राजग के खिलाफ) एकजुट होना चाहिए। विधानसभा (राज्यों में विधानसभा चुनावों) के लिए, हम लोगों के बीच मतभिन्नता है।
उन्होंने उल्लेख किया कि ऐसे राज्य हैं, जहां कांग्रेस एक महत्वपूर्ण पार्टी है, तो कुछ राज्यों में क्षेत्रीय दल भी हैं, जिसके चलते इन मुद्दों को बातचीत करके सुलझाया जाना चाहिए। पवार ने कहा, लेकिन ऐसा करते हुए, राज्यों के विधानसभा चुनावों में यह उतना आसान नहीं है, जितना कि लोकसभा चुनावों में है।
हमारे सहयोगियों का निश्चित रूप से ऐसा विचार है कि हमें लोकसभा चुनावों के लिए एक साथ आना होगा। कुछ राज्यों के चुनावों में मुश्किलें हैं। लेकिन लोकसभा (चुनावों) के लिए, यह सोच है कि हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए।
विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के एक प्रमुख नेता पवार ने ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस का उदाहरण दिया, जो पश्चिम बंगाल में प्रभावी रूप से मजबूत पार्टी है, लेकिन वाम दलों या कांग्रेस को दरकिनार नहीं किया जा सकता। पवार ने कहा कि लोग उनसे 28 पार्टियों के गठबंधन इंडिया के काम में तेजी लाने का आग्रह कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि इस पर अधिक काम करना होगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour