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इन बागियों ने बिगाड़ी अधिकृत उम्मीदवारों की 'सेहत', पलट सकते हैं परिणाम

हमें फॉलो करें इन बागियों ने बिगाड़ी अधिकृत उम्मीदवारों की 'सेहत', पलट सकते हैं परिणाम

विशेष प्रतिनिधि

भोपाल। चुनावी दंगल में इस बार बागियों पर सबकी निगाहें हैं। बीजेपी या कांग्रेस दोनों ही पार्टियों पर बागी हावी हैं। बागियों ने जिस तरह चुनावी ताल ठोंकी है, उससे भाजपा मुश्किल में है, वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने पार्टी से बगावत करते हुए अपने बेटे नितिन चतुर्वेदी को चुनावी मैदान में उतार दिया है।


रामकृष्ण कुसमारिया : भाजपा के सबसे बड़े बागी नेता के रूप में चुनावी मैदान में उतरे पांच बार के सांसद और पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया ने भाजपा के साथ ही वित्तमंत्री जयंत मलैया की मुसीबत बढ़ा दी है। दमोह और पथरिया सीट से मैदान में उतरने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री कुसमारिया का क्षेत्र के कुर्मी वोटों के साथ ही अन्य वर्ग में भी अच्छा प्रभाव माना जाता है। कुर्मी समाज के बड़े नेता कुसमारिया शिवराज कैबिनेट में कृषि मंत्री भी रहे हैं।

केएल अग्रवाल : शिवराज कैबिनेट में मंत्री रहे केएल अग्रवाल टिकट न मिलने पर गुना की बमौरी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। अग्रवाल को मुख्यमंत्री शिवराज के करीबी नेताओं में माना जाता था। केएल अग्रवाल के चुनाव लड़ने से भाजपा इस सीट पर मुश्किल में घिर सकती है।

समीक्षा गुप्ता : ग्वालियर दक्षिण सीट से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरीं समीक्षा गुप्ता इस बार भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर रही हैं। शहर की पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता ने बीजेपी उम्मीदवार नारायण सिंह कुशवाह की चुनावी राह में कांटे बिछा दिए हैं।

धीरज पटेरिया : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के घर में पार्टी से बगावत करने वाले धीरज पटेरिया ने चुनावी मुकाबले को काफी रोचक बना दिया है।

नरेंद्र सिंह कुशवाह : भिंड से भाजपा के मौजूदा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह का पार्टी ने टिकट काट दिया। इसके बाद नरेंद्र कुशवाह बागी होकर सपा के टिकट पर चुनाव लड़कर बीजेपी को चुनौती दे रहे हैं।

ब्रह्मानंद रत्नाकर : भोपाल की बैरसिया सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले ब्रह्मानंद रत्नाकर भाजपा के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं। बीजेपी उम्मीदवार विष्णु खत्री के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने रत्नाकर सत्तारुढ़ पार्टी का गणित बिगाड़ सकते हैं।

राजकुमार मेव : महेश्वर सीट से बीजेपी के मौजूदा विधायक राजकुमार मेव ने टिकट न मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरकर पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।

नितिन चतुर्वेदी : कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी के बेटे नितिन चतुर्वेदी बुंदेलखंड की राजनगर सीट से सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। चतुर्वेदी के चुनाव लड़ने से इस सीट पर कांग्रेस का समीकरण पूरी तरह बिगड़ गया है।

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