भोपाल। मध्यप्रदेश में इस बार सबसे दिलचस्प चुनावी मुकाबला इंदौर में होने जा रहा है। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान जहां भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने पूरे मालवा में ताबड़तोड़ दौरे किए हैं, वहीं मालवा के मुख्य केंद्र इंदौर में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्षों ने रोड शो किए। अगर बात करें 2013 के विधानसभा चुनाव की तो बीजेपी ने इंदौर की 9 विधानसभा सीटों में 8 सीटों पर कब्जा कर एकतरफा जीत हासिल की थी तो कांग्रेस के हाथ सिर्फ राऊ सीट आई थी, वहीं इस बार का चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है।
इंदौर 1 : इंदौर एक सीट पर इस बार चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है। कांग्रेस ने इस सीट पर बीजेपी के दिग्गज नेता के परिवार से आने वाले संजय शुक्ला को वर्तमान बीजेपी विधायक सुदर्शन गुप्ता के खिलाफ खड़ा किया है। सत्ता विरोधी लहर के कारण गुप्ता को अपनी ही पार्टी के सदस्यों के गुस्से का सामना करना पड़ा था, वहीं संजय शुक्ला के सामने भी पार्टी के अंदर से ही भीतरघात का खतरा मंडरा रहा है। कांग्रेस में संजय शुक्ला के टिकट को लेकर काफी बवाल भी मचा था। बाद में दिग्गज नेताओं की समझाइश के बाद बागी नेता मैदान से पीछे हटे थे।
इंदौर 2 : बीजेपी का गढ़ समझी जाने वाली इस सीट पर वर्तमान विधायक रमेश मेंदोला के खिलाफ कांग्रेस ने वकील मोहन सेंगर को खड़ा किया है। इस बार चुनावी मैदान से कैलाश विजयवर्गीय के दूर रहने और मोहन सेंगर की कांग्रेस से उम्मीदवारी के बाद इस सीट पर कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। वर्तमान विधायक रमेश मेंदोला पर लोग क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के अभाव को लेकर सवाल उठा रहे हैं तो कांग्रेस उम्मीदवार मोहन सेंगर ने मैरिज हॉल और इंग्लिश स्कूल बनवाने जैसे कई वादे करके मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है, वहीं चुनावी समीकरण को लेकर मोहन सेंगर के 2013 के टिकट वितरण की घटना भी प्रभावित कर सकती है। इस सीट से जुड़ा एक दिलचस्प वाकया यह भी है कि मोहन सेंगर को 2013 में भी टिकट दिया गया था, लेकिन आधी रात को उनका टिकट काटकर छोटू शुक्ला को दे दिया गया। कहा जाता है कि छोटू शुक्ला को आधी रात को नींद से जगाकर टिकट दिया गया था, वहीं चुनाव के दौरान छोटू शुक्ला का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वे कह रहे थे कि वो तो चुनाव लड़ना हीं नहीं चाहते थे। उन्हें जबरन चुनावी मैदान में उतारा गया था। वैसे इंदौर की सियासत में रमेश मेंदोला को बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का सिपहसालार माना जाता है।
इंदौर 3 : इंदौर ही नहीं, पूरे मध्यप्रदेश की निगाह इस बार के चुनाव में इस सीट पर लगी है। कैलाश विजयवर्गीय के चुनाव न लड़ने के बाद पार्टी ने इंदौर 3 से उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय को टिकट दिया है, जिससे इस बार यह सीट कैलाश विजयवर्गीय के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है, वहीं आकाश को टिकट मिलने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने पहले कहा था कि वे अपने बेटे के लिए प्रचार नहीं करेंगे, लेकिन जैसे-जैसे वोटिंग की तारीख करीब आई कैलाश चुनावी मैदान में कूद गए, वहीं आकाश को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अश्विन जोशी कड़ी टक्कर दे रहे हैं। जोशी जमीनी नेता माने जाते हैं और उनकी छवि भी अच्छी है, वहीं इस सीट से वर्तमान विधायक उषा ठाकुर का टिकट कटने के बाद स्थानीय बीजेपी नेता नाराज बताए जा रहे हैं।
इंदौर 4 : बीजेपी का गढ़ बनी इस सीट पर पार्टी ने वर्तमान विधायक मालिनी गौड़ को दोबारा मौका दिया है। मालिनी गौड़ की स्वच्छ छवि और उनके कामकाज के बेहतर प्रदर्शन के चलते चुनाव में उनकी राह आसान दिखाई दे रही है। मालिनी गौड़ के महापौर रहते इंदौर को दो बार देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। ऐसे में उनके मुकाबले में कांग्रेस उम्मीदवार सुरजीत सिंह चड्ढा मुश्किल में दिखाई दे रहे हैं।
इंदौर 5 : शहर की इस सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां बीजेपी के मौजूदा विधायक महेंद्र हार्डिया और कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल के बीच सीधा मुकाबला है। हार्डिया की क्षेत्र में मजबूत पकड़ को देखते हुए चुनाव में उनका पलड़ा भारी माना जा रहा है, लेकिन कुछ इलाकों में विकास कार्य नहीं होने से लोगों में नाराजगी भी है, वहीं कांग्रेस उम्मीदवार सत्यनारायण पटेल भी इस क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं, जो महेंद्र हार्डिया को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
महू : महू सीट पर इस बार सियासी समीकरण एकदम से बदल गए हैं। कैलाश विजयवर्गीय के चुनाव नहीं लड़ने से बीजेपी ने इस बार महू से इंदौर-3 की विधायक उषा ठाकुर को टिकट दिया है। उषा ठाकुर मुस्लिमों के खिलाफ अपने उग्र बयान के लिए जानी जाती हैं, लेकिन उषा इस सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहती थीं। सीट बदले जाने पर उषा ठाकुर ने नाराजगी भी जताई थी, वहीं कांग्रेस की तरफ से वरिष्ठ नेता अंतर सिंह दरबार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं, जिन्होंने पिछले चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय को कड़ी टक्कर दी थी। स्थानीय लोगों के साथ अच्छे संबंधों के चलते अंतर सिंह दरबार काफी मजबूत नजर आ रहे हैं।
सांवेर : सांवेर सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी सहयोगी तुलसी सिलावट को टिकट दिया गया है। सिलावट का सीधा मुकाबला बीजेपी के मौजूदा विधायक प्रकाश सोनकर से है। पिछला चुनाव हार चुके तुलसी सिलावट इस बार बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं, वहीं सोनकर को एंटी इनकमबेंसी का सामना करना पड़ रहा है।
देपालपुर : बीजेपी की तरफ से इस सीट पर मौजूदा विधायक मनोज पटेल चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस ने पूर्व विधायक जगदीश पटेल के बेटे विशाल पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो चुनाव में कड़ी टक्कर दे रहे हैं। मनोज पटेल के खिलाफ लोगों की नाराजगी उन पर काफी भारी पड़ती दिखाई दे रही है।
राऊ : कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा बनी इस सीट से कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और मौजूदा विधायक जीतू पटवारी फिर चुनावी मैदान में हैं। जीतू की इलाके के लोगों के बीच अच्छी पकड़ उनको काफी मजबूती दे रही है। बीजेपी ने इंदौर विकास प्राधिकरण के चेयरमैन रह चुके मधु वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। इस सीट पर जीतू का पलड़ा भारी पड़ता दिखाई दे रहा है।
इंदौर में आमने-सामने दिग्गज :
सीट-बीजेपी-कांग्रेस
इंदौर-1 सुदर्शन गुप्ता-संजय शुक्ला
इंदौर-2 रमेश मेंदोला-मोहन सेंगर
इंदौर-3 आकाश विजयवर्गीय-अश्विन जोशी
इंदौर-4 मालिनी गौड़-सुरजीत सिंह चड्ढा
इंदौर-5 महेंद्र हार्डिया-सत्यनारायण पटेल
महू : उषा ठाकुर-अंतर सिंह दरबार
सांवेर : राजेश सोनकर-तुलसी सिलावट
देपालपुर : मनोज पटेल-विशाल पटेल
राऊ : मधु वर्मा-जीतू पटवारी