Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

जेटली ने कहा, देश बदल गया है, अब नहीं चलेगी नारों की राजनीति

हमें फॉलो करें जेटली ने कहा, देश बदल गया है, अब नहीं चलेगी नारों की राजनीति
, मंगलवार, 27 नवंबर 2018 (17:48 IST)
जयपुर। सरकार बनते ही दस दिन में किसानों का कर्ज माफ करने की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की घोषणा पर तंज कसते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस जानती है कि वह सत्ता में नहीं आ रही है इसलिए ऐसे नारे दे रही है। 
 
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 1971 से लेकर अब तक देश बहुत बदल गया है और अब नारों की राजनीति नहीं होगी।
 
विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र जारी करने यहां आए जेटली ने कहा कि बेरोजगारी को वे लोग मुद्दा बना रहे हैं जो पिछले 70 साल में से 50 साल सरकार में रहे। जिन्होंने समस्या पैदा की वही इसे आज मुद्दा बना रहे हैं।
 
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को राज्य में चुनावी सभाओं में कहा था कि पार्टी की सरकार बनते ही दस दिन में किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा।
 
इस पर जेटली ने कहा, 'जहां तक सारा कर्ज माफ करने का उनका वादा है तो उन्हें मालूम है कि सत्ता में उन्हें आना नहीं .... जिन लोगों को इन विषयों की समझ नहीं होती उनको कई बार सस्ती लोकप्रियता चाहिए होती है। प्रशासन और देश कैसे चलता है ठोस आधार पर इसकी कल्पना उन्हें नहीं होती।'
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यह वादा कर्नाटक और पंजाब में भी किया था। पंजाब में जब लगा कि सरकार पहले ही कंगाल हो चुकी है, देने की स्थिति में नहीं हैं तो एक औपचारिक किस्म की एक योजना ले आए। योजना लाए जाने के बाद स्थिति यह हुई कि पिछले वर्ष पूरे राज्य में विकास मद के लिए खर्च केवल 2500 करोड़ रुपए रह गया। इसलिए देश चलाने के लिए आपको एक विजन चाहिए केवल नारे नहीं चाहिए।
 
नोटबंदी को सबसे बड़ा घोटाला और जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताए जाने पर जेटली ने कहा, 'कांग्रेस के जमाने में अधिकतर वस्तुओं पर वैट और एक्साइज मिलाकर 12.5 प्रतिशत व 14.5 प्रतिशत यानी 27 प्रतिशत, इसमें सीएसटी जोड़ लो तो 29 प्रतिशत और इस पर कर पर कर लगता था और कुल मिलाकर 31 प्रतिशत होता है। इसके विपरीत हम 334 जिंसों को पहले साल में ही हम 18 और 12 प्रतिशत की दर में ले आए यह जीएसटी की सफलता है।'
 
नोटबंदी पर उन्होंने कहा कि मई 2014 में जब हमारी सरकार आई तो देश में टैक्स रिटर्न केवल 3.8 करोड़ लोग भरते थे। चौथे साल के बाद 6.86 करोड़ हो गई और पांचवे साल के बाद मुझे पूरी उम्मीद है कि यह साढे सात या 7.6 करोड़ हो जाएगी यानी जबसे आयकर कानून बना है जितने लोग कर दायरे में आए यह संख्या केवल पांच साल में ही दोगुनी हो गई।
 
उन्होंने कहा कि लेकिन अब एक स्वभाव हो गया है कि तथ्य व आंकड़ों में न जाकर केवल एक नारा दे दो। नारों की राजनीति 1971 में हुई थी जब गरीबी हटाओ का नारा आया। आज भी आप कहते हैं गरीबी नहीं हटी। 2018 और 1971 के बीच में ये देश बहुत बदला है और अब नारों की राजनीति नहीं हहोगी। लोगों की नेताओं से बड़ी अपेक्षा रहती है इसलिए सवाल बहुत कड़े पूछते हैं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

करतारपुर कॉरिडोर से निकला दोस्ती का रास्ता, मोदी को सार्क सम्मेलन में बुलाएगा पाकिस्तान