पिथौरागढ़ (उत्तराखंड)। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि भारतीय सेना बहादुरी की शानदार परंपरा वाले तीन कुमाऊ राइफल्स जैसी अपनी प्रतिबद्ध रेजीमेंटों और कार्मिकों के कारण दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक है।
जनरल रावत अपना शताब्दी वर्ष मना रही कुमांऊ राइफल्स के सैनिकों, पूर्व सैनिकों और वीर नारियों (ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए सैनिकों की विधवाओं) को सम्मानित करने के लिए यहां आए थे। उन्होंने इस मौके पर एक डाक टिकट भी जारी किया।
इस अवसर पर तीन कुमांऊ राइफल्स के जवानों की परेड का निरीक्षण करने के बाद अपने संबोधन में जनरल रावत ने कहा कि तीन कुमांउ राइफल्स और कुमांउ रेजीमेंट के जवानों और अधिकारियों द्वारा प्रथम विश्व युद्ध से लेकर आजादी के बाद लड़े गए युद्धों में दिखाई गई बहादुरी देश की सीमाओं की रक्षा करने में उनके अनुकरणीय योगदान का साक्ष्य है।
सेना प्रमुख ने समारोह में भाग ले रहे अधिकारियों को पूर्व सैनिकों और वीर नारियों की पेंशन तथा अन्य लाभों से संबंधित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने का निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में कोई विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तीन कुमांऊ राइफल्स ने इस मौके पर आकर्षक परेड, बैंड डिसप्ले, डॉग शो और स्थानीय कलाकारों द्वारा तैयार हस्तशिल्प की प्रदर्शनी समेत कई कार्यक्रमों का आयोजन किया था। (भाषा)